योगेश्वर को क्वालिफिकेशन राउंड में मंगोलिया के मन्दाखनारन गैंजोरिग के हाथों 0-3 की पराजय का सामना करना पड़ा। मंगोलियाई पहलवान के क्वार्टरफाइनल में हारने के साथ ही भारतीय पहलवान की रेपचेज की उम्मीदें भी टूट गईं और वह रियो ओलंपिक से बाहर हो गए।
रियो डि जनेरियो। भारत की सबसे बड़ी उम्मीद और पिछले ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त निराशाजनक प्रदर्शन करते हुये रियो ओलंपिक में रविवार को कुश्ती के 65 किग्रा फ्रीस्टाइल मुकाबले में पहले ही राउंड में सनसनीखेज हार झेलने के बाद बाहर हो गए। योगेश्वर की हार से रियो ओलंपिक से पदक के साथ विदाई की उम्मीद लगा रहे करोड़ों भारतीयों का भी दिल टूट गया।
मंगोलियाई पहलवान से हारे योगेश्वरयोगेश्वर को क्वालिफिकेशन राउंड में मंगोलिया के मन्दाखनारन गैंजोरिग के हाथों 0-3 की पराजय का सामना करना पड़ा। क्वालिफिकेशन राउंड में हारने के बाद योगेश्वर को लंदन ओलंपिक की तरह रेपचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक जीतने की उम्मीद थी, लेकिन मंगोलियाई पहलवान के क्वार्टरफाइनल में हारने के साथ ही भारतीय पहलवान की उम्मीदें टूट गईं और वह रियो से बाहर हो गए।
दो ही पदकों के साथ लौटेगा अब भारतयोगेश्वर के हारने के साथ ही रियो ओलंपिक में भारत की चुनौती दो पदकों के साथ समाप्त हो गयी। हालांकि अभी पुरुष मैराथन चल रही है, जिसमें तीन धावक दौड़ रहे हैं लेकिन तीनों ही बहुत पीछे हैं। भारत को रियो ओलंपिक में महिला पहलवान साक्षी मलिक और बैडङ्क्षमटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के जरिये दो पदक मिले हैं।
अंतिम ओलंपिक में नहीं कर पाए यादगार प्रदर्शनअपने अंतिम ओलंपिक में स्वर्णिम विदाई के लक्ष्य के साथ उतरे योगेश्वर की शुरुआत ही खराब रही और वह क्वालिफकेशन राउंड में मंगोलिया के पहलवान के सामने कोई चुनौती नहीं पेश कर सके। योगेश्वर 2012 के पिछले लंदन ओलंपिक में क्वार्टरफाइनल में हारे थे। तब उनके विपक्षी के फाइनल में पहुंचने के कारण उन्हें रेपचेज में खेलने का मौका मिला था और उन्होंने फिर कांस्य पदक हासिल किया था लेकिन इस बार उनके सामने रेपचेज में उतरने जैसी कोई स्थिति नहीं आ पाई।
मैट पर नहीं दिखा सके मूवमेंटयोगेश्वर ने पहले राउंड में प्रतिद्वंद्वी को एक पैसिव अंक दिया और दूसरे राउंड में उनके प्रतिद्वंदी ने दांव लगाकर दो अंक निकाल लिये। 0-3 से पिछडऩे के बाद योगेश्वर को ताबड़तोड़ हमला करना चाहिये था, लेकिन दोनों पैरों के घुटनों में पट्टियां बांधकर उतरे योगेश्वर का मैट पर मूवमेंट बिलकुल नहीं था और वह कोई दांव नहीं लगा सके। उन्होंने जितने भी प्रयास किए, उनके सभी प्रयासों को मंगोलियाई पहलवान ने नाकाम कर दिया।
मंगोलियाई पहलवान क्वार्टर फाइनल में हारामंगोलिया के मन्दाखनारन गैंजोरिग के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने से योगेश्वर के लिये एक उम्मीद बंधी कि उन्हें रेपचेज में खेलने का मौका मिल सकता है, लेकिन रूस के सोसलान रामोनोव ने मन्दाखनारन गैंजोरिग को 6-0 से पीटा और सेमीफाइनल में जगह बना ली। मंगोलियाई पहलवान की हार के साथ ही योगेश्वर रियो से बाहर हो गए।
देश के लिए बड़ा झटकायोगेश्वर का रियो से बाहर होना भारत के लिए एक बहुत बड़ा झटका रहा। योगेश्वर ने एशियाई क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतकर रियो के लिये क्वालीफाई किया था, लेकिन लगता है कि वह अपने घुटने की चोट से पूरी तरह उबर नहीं पाये थे और यही चोट उनकी हार का सबसे बड़ा कारण रही। भारतीय पहलवान ने रियो ओलंपिक से पहले कहा था कि वह इन खेलों में स्वर्ण जीतकर स्वर्णिम विदाई लेना चाहते हैं, लेकिन स्वर्ण लेना तो दूर वह एक राउंड का मुकाबला भी नहीं जीत पाए और उन्हें निराशा के साथ ओलंपिक से विदा होना पड़ा।
साक्षी को छोड़कर पहलवानों ने किया निराशभारत ने रियो में रिकॉर्ड आठ पहलवान उतारे थे। लेकिन उसे साक्षी मलिक की बदौलत कुश्ती में एक कांस्य पदक मिल पाया, जबकि डोङ्क्षपग के आरोपी नरङ्क्षसह यादव पर चार वर्ष का प्रतिबंध लग गया और महिला पहलवान विनेश फोगाट अपने दूसरे मुकाबले में चोटिल होकर बाहर हो गईं। दो ग्रीको रोमन पहलवान, एक अन्य महिला पहलवान और एक अन्य फ्री स्टाइल पुरुष पहलवान कोई खास चुनौती पेश नहीं कर सके। भारत ने लंदन में सुशील कुमार के रजत और योगेश्वर के कांस्य की बदौलत कुश्ती में दो पदक हासिल किए थे, लेकिन इस बार उसे एक ही पदक मिला।