Happy B’day साइना नेहवाल, संघर्ष से पाया सफलता का आसमां
Published: Mar 17, 2015 10:48:00 am
साइना की दादी पोता चाहती थी और इसके चलते वह पोती होने पर खुश नहीं हुई
भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों पर ले जानी वाली स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल आज अपना 25वां जन्मदिन मना रही है। ओलंपिक खेलों में बैडमिंटन का भारत को पहला पदक दिलाने वाली साइना इस समय रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है। साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के एक जाट परिवार में हुआ था। माता-पिता दोनों के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण साइना का शुरू से ही बैडमिंटन में रूझान रहा।
साइना विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियन भी रह चुकी है। उन्होंने ओलम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। उन्होंने 2006 में एशियन सैटेलाइट चैंपियनशिप भी जीती हैं। बैडमिंटन में उन्होंने चीनी खिलाडियों के वर्चस्व को खत्म किया। साल 2010 उनके लिए सबसे सफल रहा। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर सुपरसीरिज, इंडोनेशिया सुपरसीरिज, इंडिया ग्रांपी गोल्ड का खिताब अपने नाम किया।
इस साल की शुरूआत भी साइना ने जबरदस्त अंदाज में की है। उन्होंने ऑल इंग्लैण्ड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई लेकिन वे खिताब जीतने से चूक गई। उन्हें पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। बैडमिंटन रैकेट पकड़ने से पहले वे कराटे चैंपियन बन चुकी थी। उन्होंने स्कूल में ब्राउन बैल्ट जीता था। बैडमिंटन के प्रशिक्षण के लिए साइना के मात-पिता ने काफी संघर्ष किया। साइना के पिता हरवीर सिंह अपनी आधी सैलरी साइना के प्रशिक्षण पर खर्च कर देते थे।
दादी ने नहीं देखा था मुंह
साइना की दादी पोता चाहती थी और इसके चलते वह पोती होने पर खुश नहीं हुई। इस बात से उनकी दादी इतनी खफा थी कि कुछ महीनों तक उन्होंने साइना का चेहरा भी नहीं देखा था।