स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह मानना है कि कप्तानी नहीं ओलंपिक में पदक जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण है
नई दिल्ली। भारत को 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में अपनी कप्तानी में स्वर्ण पदक दिलाकर सीधे रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कराने वाले स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह इन खेलों के लिए अपनी कप्तानी छिनने से निराश नहीं हैं और उनका मानना है कि कप्तानी नहीं ओलंपिक में पदक जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण है। रियो ओलंपिक के लिए मंगलवार को यहां भारतीय पुरुष एवं महिला टीमों की घोषणा की गई और पुरुष टीम का कप्तान गोलकीपर पी आर श्रीजेश को बनाया गया।
निजी विवादों ने डाला प्रभाव
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाकर भारत को सीधे रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कराने वाले सरदार सिंह जहां मैदान से बाहर अपने निजी जीवन में समस्याओं से जूझ रहे हैं, दूसरी तरफ इसका असर हालिया समय में उनके खेल पर भी दिखाई दिया है। वहीं, श्रीजेश को पिछले माह चैंपियंस ट्रॉफी में पदक दिलाने का भी इनाम मिला है। श्रीजेश जहां एक खिलाड़ी के तौर प्रभावी रहे थे, वहीं कप्तान के तौर पर भी काफी सफल रहे थे।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरदार पर यौन शोषणा के आरोपों के चलते उन्हें कप्तानी से हटाया गया है। हालांकि सरदार ने इन बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, यह एक व्यक्तिगत मामला है और इसका टीम की कप्तानी से कोई लेना देना नहीं है। हॉकी इंडिया ने जो फैसला लिया है वह मुझे मंजूर है। यहां बात मेरे कप्तान होने या न होने की नहीं है बल्कि बात टीम के प्रदर्शन की है। टीम अलग अलग कप्तानों के नेतृत्व में खेलती रही है। हमारा ध्यान टीम के प्रदर्शन पर होना चाहिए। यहां एक तथ्य दिलचस्प है कि 2012 के लंदन ओलंपिक में गोलकीपर भरत छेत्री भारतीय टीम के कप्तान बने थे और तब सरदार को उपकप्तानी मिली थी। इस बार सरदार से कप्तानी छिनी और गोलकीपर पी आर श्रीजेश को कप्तान बनाया गया।
हमारा लक्ष्य पदक जीतना है
सरदार ने कप्तानी के मुद्दे पर बार-बार पूछे जाने पर कहा, मेरे लिए कप्तानी नहीं टीम सबसे पहले है और हमारा लक्ष्य पदक जीतना है जिसके लिए हमें एक टीम के रूप में खेलना होगा। हमें सीनियर खिलाडिय़ों और कोचों के साथ बैठकर बात करनी होगी कि ओलंपिक की अंतिम तैयारी में हमें क्या करना है। इस बीच नए कप्तान बने श्रीजेश ने भी सरदार की बातों का समर्थन करते हुए कहा, हमारे लिए टीम सर्वोपरि है और यही हमारा सबसे मजबूत पक्ष है।