सोनिका ने बताया कि इस फाइट के लिए उन्हें कनाडा के आरबीसी बैंक ने छह महीने पहले प्रस्ताव दिया था। उस समय उनका बेटा तीन महीने का था इसलिए उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट साइन करने से मना कर दिया। इसके बाद जब दुबारा ऑफर आया तो वे मना नहीं कर पाई। उन्होंने कहाकि पहले मेरे पिता ने देश में पुरूष रेसलिंग को नई पहचान दी थी और अब मैंने महिला रेसलिंग को नई पहचान देेने की ठानी है।
हालांकि सोनिका मानते हैं कि उनके लिए मुकाबला आसान नहीं होगा। इस मैच के लिए मुझे वजन कम करना होगा। इसके लिए मैंने तैयारियां शुरू कर दी है। उन्होंने 2010 में पहलवानी छोड़ दी थी और शादी करके अमरीका में सेटल हो गई थी।
इस फाइट के दौरान पांच-पांच मिनट के तीन राउंड होते हैं। इसमें अगर विजेता का फैसला नहीं होता है तो फिर इसे अगले आधे घंटे तक जारी रखा जाता है।15 मिनट के बाद कोई ब्रेक नहीं होता और ऎसे में किसी एक रेसलर के बेहोश होने पर ही फाइट रोक जाती है। इसके बाद विजेता का फैसला किया जाता है।