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खिलाडियों को गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं करें : विजेंदर सिंह

Published: May 09, 2015 02:58:00 pm

दुख की बात यह है कि ओलंपिक मेडल जीतने वाले जैसे खिलाड़ी देने के बावजूद केंद्रों में कोई सुधार नहीं हुआ है

Vijender Singh

Vijender Singh

भिवानी। केरल के वेम्बानाड स्थित जल क्रीड़ा केंद्र में आत्महत्या का प्रयास करने वाली भारतीय खेल प्राधिकरण की चार युवा महिला खिलाडियों द्वारा आत्महत्या करने के प्रयास को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि ऎसी घटना नहीं होनी चाहिए। इनमें से एक खिलाड़ी की मौत हो गई है, जबकि तीन का इलाज चल रहा है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपे लेख में विजेंदर ने कहा कि एक खिलाड़ी होने के नाते यह बात पचानी मुश्किल हो जाती है कि किसी खिलाड़ी ने आत्महत्या कर ली है। भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के अधिकारियों को यह पता लगाना चाहिए कि उभरती हुई खिलाड़ी ने यह कदम क्यो उठाया। इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

विजयंदर ने लिखा की मैंने भी एसएआई से ही ट्रेनिंग ली है और इस बात को सच्चे दिल से स्वीकार करता हूं। हालांकि, दुख की बात यह है कि ओलंपिक मेडल जीतने वाले जैसे खिलाड़ी देने के बावजूद केंद्रों में कोई सुधार नहीं हुआ है। छोटे शहरों में बाहरी इलाकों में स्थित होने के कारण ऎसे केंद्रों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता है।

विजयंदर ने लिखा कि इन केंद्रों में प्रशिक्षण लेने जो लोग आते हैं, वे निम्न परिवार से होते हैं। इसलिए अगर इन्हें कम से कम सुविधा दी जाती है तो ये लोग कुछ नहीं बोलते हैं। वे इसलिए दुख झेलते हैं क्योकि वे यहां एक सपना लेकर आते हैं। उनको लगता है कि अगर वे खेल में अच्छा करेंगे तो उनके परिवार की आर्थिक हालत सुधर जाएगी।

विजयंदर ने कहा कि जब मैं भिवानी में प्रशिक्षण ले रहा था तब केंद्र में नाम मात्र की सुविधाएं थीं। हमें छोटे कमरे दिए जाते थे और मुझे जितना याद है, दीवारों पर कभी रंग नहीं होता था। हालांकि, कुछ सालो में वहां सुधार देखने को मिला है। लेकिन, ऎसे सुधार नहीं हुए हैं कि जिनकी वजह से विदेशों में नाम कमाने वाले खिलाड़ी तैयार किए जा सकें।

विजयंदर ने आगे लिखा कि अगर हमें विदेशों के ट्रेनिंग केंद्रों से हमारे केंद्रों की तुलना करें तो हमें पता चलेगा कि कितने अगल युग में रह रहे हैं हम।

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