2014 राष्ट्र मंडल खेलों में चयन को लेकर अपने साथ हुए भेदभाव से आहत थी एम सी मैरी कॉम। कहा जज और रेफरी मेरा साथ नहीं देते
नई दिल्ली। लंदन ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम को 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के भारतीय दल में नहीं चुना गया और उनकी जगह जांगड़ा को टीम में रखा गया। इसी मामले में बात करते हुए जानी-मानी दिग्गज महिला बॉक्सर मैरी कॉम गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए रो पड़ी। मैरी ने पत्रकारों से कहा, “कई बार मैं बहुत परेशान हो जाती हूं। कुछ रेफरी और जज मेरा पक्ष नहीं लेते लेकिन मैं परवाह नहीं करती। मैं पूर्वोत्तर से हूं तो क्या हुआ, लेकिन मैं तब भी एक भारतीय हूं।”
2012 लंदन ओलिंपिक में एम सी मैरी कॉम बॉक्सिंग में अपने साथ हुए भेदभाव से आहत थीं। उन्होंने कहा कि मैं हर बार खुद को रिंग में साबित करने के लिए तैयार हूं लेकिन कई बार कुछ चीजें बहुत तकलीफ देती हैं। उन्होंने कहा, “कई विवाद हैं, पिंकी जांगड़ा को मैंने हमेशा हराया और प्रत्येक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर साबित किया लेकिन मुक्केबाजी चयनकर्ता अब भी उसका पक्ष ले रहे हैं।”
मैरी ने चयन और ट्रायल्स में क्षेत्रीय आधार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। पिंकी ने राष्ट्रमंडल खेलों से पहले 51 किग्रा भार वर्ग के ट्रायल्स में मेरी को हराया था लेकिन मणिपुरी मुक्केबाज ने दावा किया कि जजों ने गलत फैसला दिया था।