नवजात के मलेरिया बुखार होने पर ऐसे करें देखभाल
ऐसे समय में बरती गई लापरवाही बच्चें में उम्रभर के लिए कोई विकार पैदा कर
सकती है या फिर उसमें उम्रभर के लिए कमजोरी पैदा कर सकती है
यदि कोई नवजात शिशु दुनिया में आते ही मलेरिया का शिकार हो जाए तो यह ध्यान रखें की उसकी देखभाल में जरा भी चूक नहीं होनी चाहिए। ऐसे समय में बरती गई लापरवाही बच्चें में उम्रभर के लिए कोई विकार पैदा कर सकती है या फिर उसमें उम्रभर के लिए कमजोरी पैदा कर सकती है। नवजात में मलेरिया संक्रमण होते ही उसका तुरंत इलाज करवाना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि नवजात अगर मलेरिया हो जाए तो उसकी देखभाल के लिए क्या-क्या उपचार करने चाहिए।
नवजात की देखभाल के लिए अपनाए ये नुस्खे
* सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि बच्चे के मलेरिया है या नहीं और यदि है तो वह किस वर्ग का मलेरिया है। इसके सुनिश्चित होने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जानी चाहिए।
* पहले तो यह सुनिश्चत करना ही बहुत मुश्किल होता है कि बच्चे को मलेरिया है या नहीं, है तो किस वर्ग का मलेरिया है ये सुनिश्चित करने के बाद ही आगे की कार्यवाही करनी चाहिए।
* अगर बच्चा फाल्सीपेरम मलेरिया का शिकार है तो बच्चे में 30 मिनट या उससे भी ज्यादा ऐंठन बनी रहती है। बच्चे को मलेरिया होने पर उल्टियां, खांसी और दस्त की शिकायत होती है।
* शिशु में मलेरिया के लक्षण पाएं जाने पर वह मस्तिष्क संबंधी बीमारियों का भी शिकार हो सकता है। बच्चे में शारीरिक कमजोरी भी आ जाती है।
* बच्चे को सांस लेने में परेशानियां हो सकती है।
* यदि बच्चे में मलेरिया के लक्षण पुख्ता हो जाते हैं तो बच्चे में मलेरिया की रोकथाम के लिए जरूरत के हिसाब से उन्हें इंजेक्शन लगाया जा सकता है।
* यदि बच्चे को बुखार होता है तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें और डॉक्टर्स की सलाह पर शिशु की रक्तजांच करवाएं।
* बच्चे में पानी की कमी न होने दे। शिशु का समय-समय पर पानी देते रहें।
* मलेरिया होने के बावजूद खान-पान में कमी न रखे अन्यथा बच्चे में कमजोरी होने का खतरा पैदा हो जाएगा।
* मां के दूध देने में कोई कोताही न बरते।
Home / Parenting / नवजात के मलेरिया बुखार होने पर ऐसे करें देखभाल