यह हर्बल दवा जन्म से 12 साल तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व कई रोगों से बचाने के लिए दी जाएगी
नई दिल्ली। छोटे बच्चों को भविष्य में होने वाली बड़ी बीमारियों से बचाने के लिए आपने टीके आदि लगवाते हुए देखा होगाा। ये टीकें उन्हें इसलिए लगाए जाते है कि ताकि इन बच्चों का आगे जाकर किसी तरह की बीमारियों का सामना न करना पड़े। सरकार के द्वारा बच्चो को पोलियों से बचाने के लिए कैंप लगवाकर पोलियों की दवा पिलाई जाती है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए राजस्थान के जयपुर में स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने एक हर्बल दवा का निर्माण किया है।
बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है यह दवा
संस्थान द्वारा तैयार की गई इस दवा का उपयोग 0 से 12 साल तक बच्चे के लिए किया जा सकता है। यह हर्बल दवा जन्म से 12 साल तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व कई रोगों से बचाने के लिए दी जाएगी। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने इस हर्बल दवा को ब्राह्मी घृत नाम से लॉन्च किया है। खास बात यह है कि संस्थान में यह दवा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
फॉर्मूला : स्वर्ण भस्म से हुई तैयार
ब्राह्मी घृत ड्रॉप को चार जड़ी बूटियों ब्राह्मी, शंखपुष्पी, वछ व कुष्ठ को मिलाकर तैयार किया है। इन्हें बारीक पीसने के बाद गाय के देसी घी में डालकर कुछ देर पकाते हैं। इसे छानने के बाद इसमें शहद व स्वर्ण भस्म मिलाते हैं।
फायदे : बढ़ाती याददाश्त
यह सांस संबंधी दिक्कतें दूर करने के अलावा याददाश्त व आंखों की रोशनी बढ़ाने, एलर्जी व मानसिक परेशानियों को दूर करने, गले के संक्रमण, पाचनक्रिया सुधारने व शरीर से विषैले तत्त्व बाहर निकालती है।
डोज : रोजाना दो ड्रॉप
जन्म से 12 साल की उम्र के बीच बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार तय करते हैं कि उसे कब व कितनी ड्रॉप दी जाए। संस्थान में यह नि:शुल्क उपलब्ध है। रोजाना इसकी दो बूंद दी जाती है।
प्रोफेसर संजीव शर्मा, डायरेक्टर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर