scriptPM मोदी के मन की बात पर खर्च हुए ढाई लाख | 2.5 lakhs spend on PM Modi's 'Mann Ki Baat' | Patrika News

PM मोदी के मन की बात पर खर्च हुए ढाई लाख

Published: May 23, 2015 08:01:00 pm

प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी द्वारा देश वासियों के लिए शुरू किए गए “मन की बात” कार्यक्रम पर अब
तक 2.5 लाख रूपए से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है

mann ki baat

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चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश वासियों के लिए शुरू किए गए “मन की बात” कार्यक्रम पर अब तक ढाई लाख रूपए से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है। नवंबर माह से लेकर फरवरी माह तक प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के माध्यम से देशवासियों के साथ पांच बार “मन की बात” की है। यह अहम जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रसार भारती तथा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई है।

हरियाणा के पानीपत जिला निवासी पीपी कपूर ने इस संबंध में आरटीआई के माध्यम से पूछा था कि रेडियो व दूरदर्शन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम “मन की बात” कब शुरू किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से नरेंद्र मोदी को देश वासियों के कितने सुझाव मिले हैं। इनमें से कितने सुझावों को अमल में लाकर कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से प्रसार भारती ने बताया है कि प्रधानमंत्री के “मन की बात” कार्यक्रम का एक अक्टूबर 2014 से 22 फरवरी 2015 तक पांच बार प्रसारण किया गया।

इनमें दो कार्यRमों की अवधि 32-32 मिनट, एक कार्यक्रम की अवधि 26 मिनट, एक कार्यक्रम की अवधि 25 मिनट तथा एक कार्यRम की अवधि 22 मिनट थी। इस सूचना के जवाब में कहा गया कि इस अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 13 हजार 732 लोगों के लिखित सुझाव प्रसार भारती को मिले। जिन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया। एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि नवंबर 2014 से फरवरी 2015 तक कार्यक्रम का सारांश तैयार करने पर 1,93,00 रूपए, डाटा एंट्री आप्रेटर पर 52,000 रूपए, कार्यालय सहायक ग्रूप डी की मद पर 14,000 रूपए खर्च किए गए। इस अवधि के दौरान उक्त कार्यRम तैयार करने पर कुल खर्च दो लाख 59 हजार रूपए आया है।

कितने सुझावों पर किया अमल नहीं बताया
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में आवेदक कपूर ने पूछा था कि देश की जनता द्वारा भेजे गए सुझावों का क्या किया गया। इनमें से कितने सुझावों पर प्रधानमंत्री ने अमल करके अगले कार्यRमों का हिस्सा बनाया। इसके जवाब में प्रसार भारती ने बताया कि है कि नवंबर 2015 से फरवरी 2015 की अवधि के दौरान 16 बार प्रसार भारती ने प्रधानमंत्री कार्यालय को देशवासियों द्वारा भेजे गए सुझावों की प्रतियां भेजी। इनमें से कितने सुझावों को प्रधानमंत्री ने अपने कार्यRम का हिस्सा बनाया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके लिए प्रसार भारती ने यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को रैफर कर दिया है।

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