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“आप” में और गहराया आंतरिक मतभेद, दो धड़ों में बंटी पार्टी

Published: Mar 01, 2015 03:08:00 pm

आम आदमी पार्टी (आप) में “एक व्यक्ति, एक पद” को लेकर उभरा मतभेद खुलकर सामने आ गया है

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नई दिल्ली। दिल्ली में अप्रत्याशित जीत के साथ सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) में “एक व्यक्ति, एक पद” को लेकर उभरा मतभेद खुलकर सामने आ गया है। पार्टी के आतंरिक लोकपाल पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल. रामदास का एक पत्र मीडिया के हाथ लगने से जो तथ्य सामने आए हैं, उससे आप के आंतरिक मतभेद और गहराता नजर आ रहा है। पार्टी दो धड़ों में बंटती लग रही है। रामदास ने अपने पत्र में “एक व्यक्ति, एक पद” का मुद्दा उठाया है। योगेंद्र यादव भी इसके पक्ष में हैं, जबकि पार्टी की राजनीतिक मामलों की 17 सदस्यीय समिति (पीएसी) केजरीवाल को दोहरा पद निभाने का प्रस्ताव पास करने की बात कर रहा है।

यह मामला पार्टी के संयोजक पद को लेकर है, जो फिलहाल अरविंद केजरीवाल के जिम्मे है। हालांकि उन्होंने संयोजक पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद अब उनसे संयोजक पद छोड़ने को कहा जा रहा है, जबकि पार्टी की पीएसी ने प्रस्ताव रखा है कि केजरीवाल संयोजक पद पर बने रहेंगे। पार्टी नेता योगेंद्र यादव भी लोकपाल के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, जबकि पीएसी में उनका विरोध हो रहा है।

पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की मांग
एडमिरल रामदास ने अपने पत्र में पार्टी में आंतरिक लोकपाल को कायम करने का सुझाव दिया है। इस बारे में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा हुई, जिसमें योगेंद्र यादव की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए गए। अब यादव ने साफ कह दिया है कि पार्टी में पीएसी से आंतरिक लोकपाल ऊपर है और लोकपाल के सुझाव की अनद ेखी नहीं की जा सकती है।

आंतरिक लोकपाल ने उठाए सवाल
आप के आंतरिक लोकपाल ने अपने पत्र में कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी के शीष्ाü नेताओं में संवाद और विश्वास की कमी उजागर हो रही है। अब हम राष्ट्रीय पार्टी हैं, इसलिए अपना फोकस सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रख सकते। दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल यह कह चुके हैं कि वह सिर्फ दिल्ली पर ध्यान केंद्रित क रेंगे।

महिलाओं की उपेक्षा
लोकपाल ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि पार्टी में महिलाओं को अधिक तरजीह देना होगी, जो फिलहाल पार्टी में नहीं है और दिल्ली सरकार में भी महिलाओं को सम ुचित हिस्सेदारी नहीं मिल पाई है।

यह मतभेद आते रहे हैं सामने
– दिल्ली चुनाव के समय उम्मीदवारों के चयन को लेकर प्रशांत भूष्ाण और योगेंद्र यादव ने सवाल उठाए
– अब योगेंद्र यादव लोकपाल का पीएसी से ऊपर बता रहे हैं, जिससे पीएसी असहमत
– प्रशांत भूष्ाण केजरीवाल से संयोजक पद छोड़ने की मांग कर चुके हैं
– पीएसी को नए सिरे से गठित करने का अधिकार केजरीवाल को दिया गया, जिसमें योगेंद्र यादव को हटाने की अटकलें सामने आ रही
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