इससे पहले पठानकोट आतंकी हमले के दौरान VVIP सुरक्षा से हटाकर 600 NSG कमांडो आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए लगाए गए थे
नई दिल्ली। वीवीआईपी की सुरक्षा में लगाए गए 600 एनएसजी कमांडो को वहां से हटाकर आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले दो साल से इस योजना पर काम करने की बात हो रही थी। नए ब्लूप्रिंट के अनुसार 11 स्पेशल रेंजर्स ग्रुप की तीन में से 2 टीम को वीवीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाकर आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन के लिए लगा दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले पठानकोट आतंकी हमले के दौरान वीवीआईपी सुरक्षा से हटाकर 600 एनएसजी कमांडो आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए लगाए गए थे। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में पहली बार ब्लैक कैट कमांडो ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में मोर्चा संभाला।
आतंकियों के खिलाफ संभालेंगे मोर्चा
स्पेशल ऐक्शन ग्रुप के साथ ये दोनों टीमें भी अब आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभालेंगी। एनएसजी के एक कमांडो ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में तो नहीं लेकिन थोड़े समय में एनएसजी अपने मूल काम की ओर लौट जाएगी। वीवीआईपी सुरक्षा की जगह देश सुरक्षा ही एनएसजी कमांडो के जिम्मे रहेगा। आखिरी टीम एसआरजी भी आज नहीं तो कल अपने मूल काम आतंकियों के खिलाफ मोर्चा लेने का ही काम करेगी।
आतंकियों के खिलाफ लड़ने को हुआ था गठन
एनएसजी कमांडर 1984 में गठन आतंकियों के खिलाफ होने वाले मुठभेड़ के लिए ही प्रयोग किया गया था। बाद में एनएसजी कमांडरों का प्रयोग आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन के लिए प्रयोग किया जाने लगा।
कैसे तैयार होते हैं एनएसजी कमांडो
एनएसजी कमांडो टीम पांच प्राइमरी यूनिट के तहत तैयार की जाती हैं। दो एसएजी में आर्मी के जवान और अधिकारी होते हैं। तीन एसआरजी में अर्धसैनिक बलों के जवान होते हैं। हर एसआरजी में 300 कमांडो होते हैं और एक टीम में करीब 1000 जवान होते हैं।
क्या होता है एनएसजी कमांडो का काम?
दोनों एसएजी के सदस्यों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन, काउंटर हाइजैक, अपहृतों को बचाने के लिए ऑपरेशन के काम की ट्रेनिंग दी जाती है। एसआरजी का काम इसमें सहयोग का होता है। पिछले काफी समय से एसएजी वीवीआीपी सुरक्षा में तैनात रहे हैं।