नई दिल्ली। संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था का वीडियो सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर लाइव दिखाकर विवादों में फंसे आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शक्रवार को बीजेपी सांसद किरीट सोमैया और महेश गिरि व एनडीएर पार्टनर शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने शून्य काल के दौरान मान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। वहीं इस मुद्दे पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ, इसके चलते लोकसभा की कार्रवाई को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। वहीं स्पीकर ने इस मुद्दे पर रिपोर्ट भी मांगी है।
उधर, भगवंत मान ने कहा कि गूगल अर्थ पर सब कुछ नक्शे पर है। आजकल सबकुछ डिजिटल हो गया है, मैं नहीं मानता कि मैंने ऐसा कोई काम किया है, जिससे संसद की सुरक्षा को खतरा पहुंचता हो। केंद्र सरकार की तरफ से भी भगवंत मान के विडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद के संवेदनशील क्षेत्रों में विडियोग्रफी करना नियम कायदों के खिलाफ है। ऐसे वक्त में जब आतंकवादी हमला करने के मौके तलाशते रहते हैं तो इस तरह की संवेदनशील जानकारी देना खतरनाक है।’
बता दें कि भगवंत मान की ओर से पोस्ट किए गए वीडियो में उन्हें संसद में प्रवेश करते, सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुजरते, संसद परिसर की ओर बढ़ते और सदन में सवाल पूछने से जुड़ी प्रक्रिया दिखाई थी। इसके बाद संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या इससे सुरक्षा व्यवस्था को खतरा नहीं है, उन्होंने कहा था कि मैं सिर्फ यह बता रहा था कि संसद में कैसे काम होता है। लोगों ने मुझे चुना है। मैं अपनी कार में आया हूं। क्या मेरे वीडियो से संसद खतरे में आ गयी है?
उधर, भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने वीडियो डालने के लिए मान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और उनसे (मान) पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया ? क्यों न सांसद के तौर पर उनके विशेषाधिकार समाप्त कर दिये जायें?
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मान भविष्य में ऐसा काम नहीं करेंगे। भाजपा के ही एक अन्य सांसद आर के सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना हरकत है। उन्हें यह सोचना चाहिए था कि संसद भवन पर पहले एक बार हमला हो चुका है। अकाली दल के महासचिव एवं लोकसभा सदस्य प्रेमसिंह चंदू माजरा ने इसे संसद की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक करार देते हुए कहा कि वह अध्यक्ष और गृह मंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।