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भगवंत मान ने बिना शर्त मांगी माफी, स्पीकर असंतुष्ट

Published: Jul 22, 2016 05:00:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

मान के विवादित वीडियो को देश एवं लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने हंगामा किया

bhagwant mann

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नई दिल्ली। संसद परिसर के वीडियो को फेसबुक पर लाइव दिखाकर विवादों में घिरे आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली है। भगवंत मान ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से बिना शर्त माफी मांगी है। हालांकि स्पीकर ने इसे नाकाफी बताया है। उनका कहना है कि वीडियो सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

मान ने फेसबुक से उस विवादित वीडियो को भी हटा लिया है। भगवंत मान को स्पीकर ने समन जारी किया था। यही नहीं लोकसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया। मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। ज्यादातर सांसदों ने इसे संसद की सुरक्षा के मसले से जोड़ा और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

उधर, स्पीकर ने कहा कि भगवंत माफी मांगने को तैयार हैं, लेकिन यह मामला सिर्फ माफी मांग लेने से हल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। इस संबंध में क्या कार्रवाई की जाए, इसके लिए मैं सभी से बात कर रही हूं। इस मुद्दे पर सभी सांसद नाराज हैं। सिर्फ माफी से इसे हल नहीं किया जाएगा। वहीं, भगवंंत मान ने बताया कि मैं स्पीकर मैडम से मिला था। मैंने उनसे कहा कि मुझे अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। मेरा इरादा संसद की सुरक्षा को जोखिम में डालने का नहीं था। मैं कभी भी संसद की सुरक्षा को खतरे में डालना नहीं चाहता था। मैंने लिखित में माफी मांगी है।

कहा जा रहा है कि भगवंत मान को गुरुवार से लोकसभा अध्यक्ष का दफ्तर ट्रेस कर रहा था। मान को कई बार फोन भी किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। शुक्रवार को 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ने मान को अपने चैंबर में बुलाया और नसीहत दी। वीडियो को लेकर गुरुवार तक अपने रूख पर अड़े रहे मान ने शुक्रवार को कहा कि मैं केवल मसला उठाने की प्रक्रिया आम लोगों को बता रहा था।

मान ने कहा, मेरे क्षेत्र के लोग मुझसे कहते हैं कि आप हमारे मसले नहीं उठाते,तो मैंने उनको बताया कि मसला लकी ड्रॉ से तय होता है। जैसे गुरुवार को 160 सांसदों से अपने सवाल शून्य काल के लिए जमा कराए, लेकिन 20 सांसद ही अपने सवाल उठा पाएंगे लेकिन लोग मानते नहीं थे। कहते थे कि संसद में कैसा लकी ड्रॉ। मेरा मकसद संसद की सुरक्षा दिखाना या उसको खतरे में डालना नहीं था।

गुरुवार को संसद के अंदर जाने से लेकर पूरी प्रक्रिया का वीडियो फेसबुक पर लाइव दिखाकर भगवंत मान विवादों में घिर गए थे। संसद की सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगने के बाद मान ने आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए कहा था कि क्या मेरे वीडियो ने संसद को खतरे में डाल दिया है। कैसे यह अवैध है। मैं फिर से वीडियो बनाऊंगा और इसे फेसबुक पर डालूंगा। नोटिस आने दें। लोकसभा में भगवंत मान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस मामले में अपना फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रखा है।

विशेषाधिकार हनन नोटिस मिला
गौरतलब है कि लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने मान के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल में एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही सदन शुरु हुआ, भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों, बीजू जनता दल, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस ने मान को बर्खास्त करने की मांग उठाई। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें भगवंत मान के आचरण को लेकर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जनार्दन सिग्रीवाल, डॉ. चिंतामणि मालवीय, किरीट सोमैया आदि के विशेषाधिकार हनन नोटिस मिले हैं।

उन्हें राजेश रंजन, भृर्तहरि मेहताब आदि के इसी मुद्दे पर शिकायत एवं कार्यस्थगन प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर वह विचार करेंगी। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि संसद की सुरक्षा एक गंभीर मसला है और इसके लिए 13 लोगों की जान जा चुकी है। मैं मानती हूं कि कोई ना कोई कार्रवाई अवश्य होनी चाहिये। मैं इस पर सोचूंगी।

राज्यसभा में भी हुआ हंगामा
वहीं इस मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग पर सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। सुबह में सदन की कार्यवाही शुरू होते की सत्ता पक्ष एवं शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने नियम 276 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। उप सभापति पी जे कुरियन ने इस दौरान विधायी कार्यों को निटपाया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य फिर से इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करने लगे। इस पर कुरियन ने कहा कि दूसरे सदन के सदस्य को लेकर इस सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती है। यह एक तकनीकी सवाल है।

इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह मुद्दा संसद और संसद सदस्यों के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। संबंधित सदस्य के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। यह बहुत गंभीर मसला है। लोकतंत्र के इस मंदिर की सुरक्षा की गोपनीयता को सार्वजिनक ही नहीं किया गया है बल्कि आतंकवादियों को सूचनायें दी गई है। यह सिर्फ किसी एक सदन के सदस्य का मामला नहीं है। यह संसद और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। कुरियन ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है और इस पर सरकार को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार यदि इस पर नोटिस देती है तो चर्चा करायी जा सकती है।

इसी बीच कांग्रेस की अंबिका सोनी और आनंद शर्मा ने कहा कि इस मामले को दो दिन हो चुके हैं। सरकार को यह बताना चाहिए उसने क्या कार्रवाई की है। साइबर सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही यह मामला दूसरे सदन का है, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में संयुक्त संसदीय समिति बनाई जा सकती है और समिति को संबंधित सदस्य के विरूद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही संसद की सुरक्षा संबंधित समिति को भी त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

इस पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार को जो करना है वह कर रही है और संबंधित सदस्य को कोई भी नहीं बचा सकता है। वामपंथी सीताराम येचुरी ने कहा कि यह मुद्दा बहुत गंभीर है। यह सभी सदस्यों के विशेषाधिकार हनन का मुद्दा भी है, लेकिन पिछल दो दिनों में सरकार ने क्या किया है। सदन को इससे अवगत कराया जाना चाहिए। जनता दल यू के शरद यादव ने मान की इस गतिविधि को नादानी बताया।

इसी दौरान कुरियन ने नियम 276 को पढऩेे की कोशिश की, लेकिन सत्तापक्ष के सदस्य अपनी अपनी सीटों से उठकर नोरबाजी करने लगे। कांग्रेस के कुछ सदस्य भी नारेबाजी करने लगे। तभी कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और उन्हें नियम को पढऩे देने की कई बार अपील की, लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों के शांत नहीं होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि मान ने राजधानी स्थित अपने निवास स्थान लेकर लोकसभा के भीतर तक पहुंचने तथा वहां की गतिविधियों की फिल्म बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। देखते ही देखते यह पोस्ट वायरल हो गया।
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