अगस्ता वेस्टलैंड ने नहीं लौटाए तीन चॉपर्स के 800 करोड़ रुपए
Published: Apr 29, 2016 09:24:00 am
डील के तहत मिले 3 हैलीकॉप्टर्स आज भी पालम एयरबेस पर खड़े धूल खा रहे हैं
नई दिल्ली। संसद में कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही 3600 करोड़ रुपए की अगस्ता सेस्टलैंड वीवीआईपी हैलीकॉप्टर डील की जंग के बीच नई जानकारी सामने आई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि डील कैंसल होने के बाद कंपनी ने भारत को तीन चॉपर के लिए करीब 160 मिलियन यूरोज (लगभग 800 करोड़ रुपए) नहीं लौटाए हैं। यह तीनों हैलीकॉप्टर कंपनी ने भारत को डिलीवर कर दिए थे और इन्हें नंबवर 2012 में एयरफोर्स ने स्वीकार भी कर लिया था।
आपको बता दें कि इन हैलीकॉप्टर्स को तब स्वीकार किया गया था जब इससे नौ महीने पहले इटली में अगस्ता वेस्टलैंड डील में करप्शन के सिलसिले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी थी। ये हैलीकॉप्टर अभी भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर मौजूद धूल खा रहे हैं। जब तक भारत सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड को किए गए पेमेंट की वसूली के लिए आर्बिट्रेशन की प्रॉसेस शुरू की, तब तक ये हैलीकॉप्टर्स 556 घंटों की उड़ान भर चुके थे।
अगस्त 2013 में संसद में पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट नेगोसिएशन कमेटी ने कॉस्ट 4877.5 करोड़ बताई थी, जबकि जनवरी 2006 में इसकी कॉस्ट 793 करोड़ मानी गई थी। लिहाजा नई कॉस्ट छह गुना ज्यादा थी। वहीं वेंडर ने 3966 करोड़ की कॉस्ट ऑफर की थी, जबकि कमेटी उससे 22.80 प्रतिशत ज्यादा यानी 4877.5 करोड़ रुपए देने को राजी थी।
गौरतलब है कि यूपीए-1 सरकार के समय वर्ष 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हैलीकॉप्टर्स खरीदने की डील हुई थी। डील के तहत मिले 3 हैलीकॉप्टर्स आज भी पालम एयरबेस पर खड़े हैं। डील 3600 करोड़ रुपए की थी और इसका 10 प्रतिशत यानी करीब 350 करोड़ रुपए रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2013 में डील रद्द कर दी थी। तब एयरबेस चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केज दर्ज किया गया था।