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अमित शाह को मुझसे निजी खुन्नस-अहमद पटेल

Published: Jul 31, 2017 08:39:00 pm

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ललित fulara

बीजेपी ने अमित शाह और स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। तीसरी सीट पर अहमद पटेल ने नामांकन किया है। कांग्रेस ने अहमद पटेल को जिताने के लिए 40 विधायकों को गुजरात से बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया है। 

ahmed patel

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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने कहा कि अमित शाह मेरे खिलाफ खुन्नस निकालते हैं यही कारण है कि वे गलत साधनों का इस्तेमाल करते हैं। जो मैंने 40 सालों के राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा, लेकिन मेरी हार सुनिश्चित हो इसके लिए धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल हो रहा है। अहमद पटेल ने कांग्रेस के 6 विधायकों को बीजेपी में शामिल होने की ओर इशारा करते हुए बीजेपी पर तंज कसा। दरअसल गुजरात से अहमद पटेल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। उनकी सदस्यता खत्म हो रही है। राज्य में तीन सीट खाली हैं। 

भाजपा से अमित शाह और स्मृति हैं प्रत्याशी
बीजेपी ने अमित शाह और स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। तीसरी सीट पर अहमद पटेल ने नामांकन किया है। लेकिन बीजेपी में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस विधायक बलवंत सिंह राजपूत ने भी नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस ने अहमद पटेल को जिताने के लिए 40 विधायकों को गुजरात से बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए चुनाव के दिन ही विधायकों को गुजरात लाने का फैसला किया है। 

विधायकों को मिल रहीं धमकियां- पटेल
पांचवीं बार राज्यसभा के लिए नामांकन करने के बाद अहमद पटेल ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी ‘बिलो द बेल्ट’ वार कर रही है और बड़े-बड़े इनामों का लोभ और धमकियां देकर दलबदल कराने की जुगत में है। पटेल ने कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम है कि बीजेपी प्रमुख उनके खिलाफ क्यों हैं। क्योंकि मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया, जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचा सकता हो। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर अहमद पटेल ने कहा कि जिन राज्यों में जनमत नहीं मिलता है, वहां राजनैतिक उठापटक के जरिए सरकार बना लेना बीजेपी का तरीका रहा है। 

मोदी-शाह सत्ता के भूखे- अहमद पटेल
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह सत्ता के बेहद भूखे हैं। आप देख सकते हैं कि उन्होंने बिहार में क्या किया है। अरुणाचल प्रदेश में उनके पास एक भी विधायक नहीं था, लेकिन वे सरकार बनाने में कामयाब रहे। वे सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं उन्हें पहली बार केंद्र में सत्ता हासिल हुई है, और इसलिए वे उसे बचाए रखने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं।

भाजपा द्वारा परेशान करने से विधायकों को बेंग्लुरू शिफ्ट किया-पटेल
पटेल ने गुजरात में आई भीषण बाढ़ में कांग्रेस नेताओं के बेंगलुरु शिफ्ट करने वाले आरोपों का भी खंडन किया। पटेल ने कहा कि रूपाणी की बातों का जवाब देना मेरे लिए सही नहीं होगा। रूपाणी शाह की कठपुतली हैं। मुझे तो उन पर दया आती है। दरअसल बाढ़ के दौरान कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरु जाने पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने निंदा की थी। रुपाणी ने कहा था कि ऐसे समय में विधायकों को राहत और बचाव कार्यों की देखरेख के लिए अपने-अपने क्षेत्र में होना चाहिए, बेंगलुरू के होटल में नहीं। जिस पर पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी पार्टी की चिंता करने दीजिए। मैं यहां गुजरात में ही हूं, और सुनिश्चित कर रहा हूं कि बाढ़ राहत का काम चलता रहे। पटेल ने कहा कि हमें विधायकों को मजबूरी में बेंगलुरू ले जाना पड़ा, क्योंकि वे (बीजेपी) किसी भी नियम को नहीं मानते। वे उन्हें परेशान कर रहे थे। 

मैंने चार बार ठुकराया मंत्री पद-पटेल 
पटेल ने कहा कि सत्ता के भूखे वे लोग हैं, जो सत्ता में आने के लिए दंगे करवाते हैं। उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए मुजफ्फरनगर में दंगे किसने करवाए? अगर मुझे सत्ता का लालच होता, तो मैं राजीव गांधी के ही कार्यकाल से मंत्री होता…मुझे चार बार बढ़िया मंत्रालयों की पेशकश की गई थी, जिनमें से दो बार डॉ मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी। लेकिन मैंने कभी स्वीकार नहीं किया, क्योंकि मैं पार्टी के लिए काम करना चाहता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने सोनिया गांधी को पहले बता दिया था कि वह राज्यसभा में पांचवां कार्यकाल नहीं चाहते हैं, लेकिन जब उन्होंने कहा कि उन्होंने उन्हें नामांकित कर दिया है, तो मुझे चुनाव लड़ना पड़ा।
 
अगर मैं हारा तो कांग्रेस नेतृत्व जिम्मेदार नहीं-अहमद
उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि अगर किसी तरह वह हार जाते हैं, तो इसे सोनिया गांधी तथा उनके पुत्र के नेतृत्व द्वारा किए गए कुप्रबंधन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अपनी पार्टी के प्रथम परिवार को सभी तरह के दोषों और आरोपों से दूर रखने के कांग्रेसी नेताओं के हमेशा अपनाए जाने वाले रुख के तहत अहमद पटेल ने कहा कि मैं प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं, कांग्रेस अध्यक्ष के सचिव के रूप में नहीं। दोनों का आपस में क्या रिश्ता है? कृपया उन्हें (सोनिया गांधी) या हमारे उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इसमें मत लाइए। हालांकि अहमद पटेल की हार कांग्रेस के लिए दुखद होगी। इसके लिए कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है। अहमद पटेल की हार सोनिया गांधी की हार होगी। क्योंकि 2001 से अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव हैं। वह सोनिया गांधी के राजनीतिक फैसलों में भूमिका निभाते हैं।

2010 से अमित शाह औऱ पटेल में छत्तीस का आंकड़ा
गौरतलब है कि अहमद पटेल और अमित शाह के बीच ये विवाद 2010 से चल रहा है। अमित शाह वर्ष 2010 में हत्या के आरोप में उन्हें जेल भेजे जाने के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हैं। मामला गुजरात पुलिस द्वारा एक मामूली अपराधी को मार डालने का था, और आरोप था कि पुलिस ने वह काम गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह के आदेश पर किया था। उस समय बीजेपी ने कहा था कि सीबीआई के आरोप कांग्रेस सरकार की शह पर लगाए गए हैं।
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