इसी तरह एक और यात्री अरविंद शाह ने भी टि्वटर पर लिखा है, “मैं फ्लाइट नंबर एआई 191 में सीएम की सीट के ठीक पीछे (8डी) पर बैठा हुआ था। सीएम ने न तो किसी को फोन किया और न ही फ्लाइट में देरी करने की कोशिश की। वे तो फाइल पढ़ रहे थे।” इससे पहले गुरूवार शाम को फडणवीस ने लड़ीवार ट्वीट कर गुस्सा निकाला था और क्रिमिनल डिफामेशन कार्यवाही शुरू करने की भी धमकी दी थी। गौरतलब है कि फडणवीस पर फुल डेलिगेशन के बिना यात्रा न करने की जिद और इसके लिए एयर इंडिया की उड़ान में विलंब करवाने का आरोप है।
फडणवीस ने कहा, “यह झूठ है कि मैंने डेलिगेशन के बिना यात्रा करने से इनकार किया। मेरे आस पास और पीछे की तरफ बैठे यात्री इस बात का गवाह हैं कि मैं चुप चाप बैठा विमान के उड़ान भरने का इं तजार कर रहा था। मैंने एक बार भी नहीं कहा कि मुझे उतरना है।” फडणवीस की फ्लाइट को रोका गया था क्योंकि उनके प्रिंसीपल सेक्रेटरी प्रवीण परदेशी एयरपोर्ट पर गलत पासपोर्ट ले आए थे जिस पर अमरीकी वीजा नहीं लगा हुआ था। उनक पासपोर्ट घर से मंगवाया गया था।
इस पर एयरइंडिया का आरोप है कि जब फडणवीस से इस बारे में सलाह ली गई तो उन्होंने बिना अपने डेलिगेशन के सफर करने से मना कर दिया। एयरइंडिया के अधिकारी ने बताया कि 8 लोगों की डेलिगेशन टीम को ऑफलोड करना और दो अलग अलग कंटेनर्स से 14 पीस बैगेज के निकालने में और समय बर्बाद होता और उड़ान में और विलंब हो सकता था। इस पर फडणवीस ने ट्वीट कर कहा था कि उन पर लगाए गए यह तमाम आरोप झूठे हैं।