scriptविधायकों की मीटिंग में रो पड़े अखिलेश, अमर सिंह को कहा ‘दलाल’ | Angered Akhilesh Yadav blames Amar Singh as "Dalal" in meeting | Patrika News

विधायकों की मीटिंग में रो पड़े अखिलेश, अमर सिंह को कहा ‘दलाल’

Published: Oct 23, 2016 02:42:00 pm

मीटिंग में अखिलेश ने कहा कि मेरे घर में आग अमर सिंह ने लगाई है, मैं उन पर कार्रवाई करूंगा

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच जारी राजनीतिक जंग नए दौर में पहुंच गई। रविवार को अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल सहित पांच मंत्रियों को केबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके साथ ही कद्दावर नेता अमर सिंह की करीबी माने जाने वाली जयाप्रदा से भी उनका पद छीन लिया गया।

अखिलेश ने शिवपाल सहित पांच को दिखाया केबिनेट से बाहर का रास्ता
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अखिलेश ने रविवार को अपने विधायकों की मीटिंग ली। मीटिंग में मौजूद 183 विधायकों ने अखिलेश में पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें समर्थन देने का प्रस्ताव पास किया। पार्टी नेताओं के अनुसार अखिलेश ने अमर सिंह को दलाल तक कह दिया। मीटिंग के दौरान उनके भाषण को सुनते हुए नेता रो पड़े। अखिलेश ने कहा, ‘नेताजी मेरे नेता ही नहीं पिता भी हैं। पूरी उम्र उनकी सेवा करते रहूंगा। मेरा पार्टी को तोड़ने का कोई इरादा नहीं है। कल नेताजी की बैठक में विधायक के तौर पर जाऊंगा। पार्टी के लिए प्रचार भी करूंगा।’

अमर सिंह को बताया दलाल
मीटिंग में अखिलेश ने कहा कि मेरे घर में आग अमर सिंह ने लगाई है। मैं उन पर कार्रवाई करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि अमर सिंह और दूसरे बाहरी लोगों को पार्टी के अंदर नहीं रहने दिया जाएगा। अखिलेश ने मीटिंग में स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी में विवाद करने वालों को नहीं रहने दिया जाएगा। अमर सिंह हमारा घर तोड़ना चाहते हैं। अमर सिंह के साथी हमारे साथ नहीं रह सकते। मैं ही नेताजी का उत्तराधिकारी हूं। पार्टी नेता जी की है, वह फैसला करें।

अखिलेश ने सुनाई बचपन की कहानी, हुए इमोशनल
रविवार को हुई मीटिंग में अखिलेश यादव ने 170 नेताओं को बुलाया था। लेकिन उम्मीद से ज्यादा 100 एमएलसी और 212 विधायक के उनकी मीटिंग में शामिल होने की बात कही जा रही है। शिवपाल के करीबी गायत्री प्रजापति भी अखिलेश से मिलने पहुंचे। मीटिंग के दौरान अखिलेश ने कहा कि वे अपने पिता का काफी सम्मान करते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर वे ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते, जिससे नेताजी आहत हो जाएं। लेकिन हालात ऐसे हो गए हैं कि उन्हें मजबूरी में कुछ कदम उठाने पड़ रहे हैं।

अखिलेश ने अपने बचपन की यादें सुनाते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तो मुलायम की राजनीति पर किसी ने गलत बातें कह दी थीं। इस पर मुझे गुस्सा आ गया था। मैंने उस शख्स को पत्थर मार दिया था। अखिलेश ने यह भी कहा कि मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि अपने घर से अलग होकर पत्नी डिंपल के साथ सरकारी आवास पर रहना पड़ेगा।

4 महीने पहले शुरु हुआ था विवाद
जून में मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के सपा में विलय पर अखिलेश राजी नहीं थे। लेकिन शिवपाल यादव ने विलय करा लिया था। इस मुद्दे पर पहली बार पार्टी स्पष्ट तौर पर दो हिस्सों में बंटी नजर आई। इसके बाद दागी मंत्री गायत्री प्रजापति को केबिनेट से हटाने पर फिर एक बार विवाद हुआ। इस विवाद में भी अमर सिंह की भूमिका सामने आई। बाद में मुलायम के कहने पर अखिलेश को उन्हें दोबारा बहाल करना पड़ा। इसके तुरंत बाद ही अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल यादव से भी अहम विभाग छीन लिए थे।

इससे नाराज मुलायम ने अखिलेश को सपा के यूपी चीफ की पोस्ट से हटा दिया था। बाद में मुलायम के कहने पर अखिलेश को शिवपाल को विभाग लौटाने पड़े। यादव परिवार में अनबन की खबरें पहली बार सितंबर में सामने आई थी जब अमर की मौजूदगी में दिल्ली में एक डिनर के बाद अखिलेश और मुलायम-शिवपाल आमने-सामने हुए थे। धीरे-धीरे यह मुद्दा पारिवारिक बन गया और पार्टी वर्तमान हालात के दौराहे पर पहुंच गई।

सोमवार को मुलायम सिंह लेंगे पार्टी
मुलायम सोमवार को एक अहम मीटिंग करने वाले हैं। इसी मीटिंग के कारण अखिलेश ने रविवार को मीटिंग बुलाई थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार अखिलेश चाहते हैं कि जब विधायक मुलायम के सामने जाएं तो उनके अनुकूल बात करें।
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