मुंबई। अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के रास्ते तो उसी दिन अलग हो गए थे जिस दिन केजरीवाल ने पार्टी बनाने का फैसला किया। अन्ना कभी भी पार्टी बनाने के समर्थन में नहीं थे। जहां तक जनलोकपाल बिल का सवाल है तो अन्ना और केजरीवाल दोनों इस बिल के लिए साथ लड़े थे लेकिन अरविंद की पार्टी द्वारा पेश किए गए जनलोकपाल बिल से अन्ना हजारे संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। अन्ना का कहना है कि केजरीवाल को इसमें कई बदलाव करने चाहिए। अन्ना के हिसाब से यह बिल अभी पूरी तरह से परिपक्व नहीं है।
अन्ना ने सलाह दी है कि यदि अरविंद लोगों को वास्तव में एक मजबूत जनलोकपाल देना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें बिल में सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 करनी चाहिए। आपको बता दें कि कुमार विश्वास सहित कई वरिष्ठ आप नेता बिल के संबंध में सहमति जुटाने अन्ना हजारे से मिलने गए थे। वहां उन्होंने अन्ना को बिल के बारे में पूरी जानकारी दी साथ ही इसके बाद अन्ना ने उसमें दो-तीन खामियां भी गिना दी थीं।
इस बीच जनलोकपाल बिल को लेकर आप के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केजरीवाल को ललकार दिया है। ऐसे में अब अन्ना से भी साथ नहीं मिलना अरविंद केजरीवाल के लिए झटका माना जा रहा है। दिल्ली सरकार ने कल जनलोकपाल बिल विधानसभा में पेश किया. शुक्रवार तक चर्चा होगी। इसके बाद बिल को सदन से पास कराया जाएगा। इस बीच केजरीवाल के जनलोकपाल बिल से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।