जयललिता के शपथ लेने पर रोक की मांग, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
Published: May 22, 2015 12:36:00 am
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, याचिकाकर्ता ने मांग की है कि जयललिता के दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर रोक लगाई जाए
नई दिल्ली। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) प्रमुख जे. जयललिता के खिलाफ एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर रोक लगाई जाए। आशंका जताई जा रही है कि जयललिता 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं। जयललिता को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अवैध संपत्ति के मामले में बरी कर दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय में वकील जी.एस. मणि ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता को बरी किए जाने से उनकी राज्य विधानसभा की सदस्यता की अयोग्यता स्वत: समाप्त नहीं होती। जयललिता को निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले मे दोषी ठहराया था, बाद में उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उच्च न्यायालय द्वारा उनको बरी किए जाने से उनकी विधानसभा सदस्य बनने की अयोग्यता तब तक समाप्त नहीं होती जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय यह फैसला नहीं करता कि कौन सा आदेश (निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने वाला फैसला अथवा उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने का फैसला) सही है।
इसके अलावा मणि ने कहा कि जयललिता शपथ तभी ले सकतीं है जब सर्वोच्च न्यायालय उन्हें इसकी अनुमति दे या उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की 90 दिनों की समय सीमा समाप्त हो जाए। जयललिता को तीन अन्य के साथ बेंगलुरू की निचली अदालत ने 27 सितंबर 2014 को दोषी ठहराया था। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था।