नई दिल्ली/पटना. बेनामी संपत्ति और होटल घोटाले में लालू कुनबे पर हुई छापेमारी से बिहार में राजनीति गरमा गई है। गठबंधन टूटने और बने रहने की अटकलों के बीच सोमवार को लालू यादव की अध्यक्षता में आरजेडी विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की बात को सिरे से खारिज कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक विधायकों ने बैठक में कहा कि तेजस्वी यादव क्यों इस्तीफा दें। उनके इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता। बैठक में विधायकों ने कहा कि वे मिलकर सत्ता पक्ष की साजिश को नाकाम करेंगे। बैठक के बाद आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्धीकी ने प्रेंस कांफ्रेंस कर बताया कि बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें पहला मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक परिस्थित, दूसरा राष्ट्रपति चुनाव और तीसरा मुद्दा 27 तारीख को होने वाली रैली थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश में नफरत का माहौल पैदा कर रही है। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होता है उसे किसी न किसी तरह से प्रताड़ित किया जाता है। इसी तरह लालू यादव जब बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ खड़े हुए तो उनको परेशान करने के लिए छापे मरवाए जा रहे हैं। वहीं बैठक से पहले रविवार को लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीताश कुमार से फोन पर बात की थी।
कल नीतीश करेंगे बैठक
बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मंगलवार को जदयू विधायकों व सांसदों के साथ बैठक करेंगे। वहीं रविवार दोपहर घोषणा हुई कि नीतीश सोमवार को मीडिया से बात करेंगे। लेकिन रात होते-होते खबर आई कि नीतीश स्वस्थ्य नहीं, उनके कार्यक्रम रद्द हो गए।
छापे पर चुप्पी बनी गांठ
हाल ही में लालू के ठिकानों पर सीबीआई और ईडी के छापों पर न तो नीतीश कुमार ने कुछ कहा और न ही जेडीयू की ओर से कोई बयान आया। इस चुप्पी को आरजेडी नेता जेडीयू की मौन सहमति के तौर पर देख रहे हैं। इससे दोनों के बीच गांठ पड़ गई है।
कांग्रेस नेताओं ने की लालू से मुलाकात
इससे पहले शनिवार को ही सीबीआई छापेमारी से परेशान लालू प्रसाद के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस के नेताओं ने लालू यादव के आवास जाकर उनसे मुलाकात की थी। बीते शुक्रवार को सीबीआई ने लालू के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके अगले दिन शनिवार को ईडी ने लालू की बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने लीज फॉर होटल्स केस में लालू और तेजस्वी के साथ सात अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
कानूनी लड़ाई की तैयारी में जुटे लालू
इस बीच, लालू ने इस मामले में लंबी कानूनी लड़ाई की तैयारियां भी आरंभ कर दी हैं। चारा घोटाला में उनके अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा लंबे समय तक लालू आवास के अंदर रहे। अन्य अधिवक्ताओं की आवाजाही भी जारी रही। सूत्र बताते हैं कि लालू ने दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता राम जेठमलानी से भी बात की।
नीतीश के विकल्प क्या?
‘कानून अपना काम करेगा’ जैसी बात कहकर मामले को टाल सकते हैं। गठबंधन तोडऩे से तत्काल उन्हें लाभ नहीं। 2019 में पीएम पद पर अपनी दावेदारी के खिलाफ बयान जरूर दिया, लेकिन उनकी सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा यही है। भाजपा में मोदी-शाह के रहते इस महत्वाकांक्षा के पूरा होने की कोई संभावना नहीं।
गणित क्या कहता है?
नीतीश व भाजपा मिलें तो 113 के जादुई आकड़े से काफी आगे 129 (71 आरजेडी+58 भाजपा) पहुंच सकते हैं, लेकिन आरोपों से घिरने से महागठबंधन में लालू कमजोर हुए और नीतीश मजबूत। इसलिए वे देखो और इंतजार करो की नीति अपनाएंगे।
और भी कोई मजबूरी है?
केंद्र में संभावना बनाने के लिए नीतीश को 2019 और उसके बाद भी बड़ी जीत की दरकार।विधानसभा चुनावों में लालू के साथ की वजह से यादव व मुस्लिम वोट मिले। भाजपा के साथ जाने से यह वोट चले जाएंगे, वहीं भाजपा का कोर वोटर (ब्राह्मण, ठाकुर व भूमिहार) भाजपा के सामने उन्हें वोट नहीं करेगा।
Home / Political / लालू ने कहा- तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता, बॉल अब नीतीश के पाले में