ये सभी “कमांडर” पार्टी महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, केद्रीय मंत्रियों अनंत कुमार और धर्मेंद्र प्रधान के देखरेख में काम करेंगे, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चुनावों की जिम्मेदारी दी गई है। यह जानकारी प्रदेश में चुनाव से जुड़े नेताओं ने दी।
पार्टी नेताओं ने बताया कि इन चार कमांडरों का चयन जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर लिया गया था और तब से ये लोग विभिन्न खंडों मे काम कर रहे हैं। नेताओं ने आगे बताया कि पिछले विधानसभा चुनावों में भी प्रदेश से बाहर के नेताओं को तैनात किया था, लेकिन यह पहली बार है जब पार्टी ने इतनी अच्छी सोच के साथ प्रचार शुरू किया है।
नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावों से पहले होने वाली रैलियां भी इन कमांडरों के अनुसार आयोजित की जाएगी। पार्टी ने आरएसएस के प्रचारक शिवनारायण को उत्तर-पूर्व सेक्टर, राजद के बागी नेता पप्पू यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और राजद नेताओं मोहम्मद तस्लीमुद्दीन और एम ए फातमी के गढ़ कहे जाने वाले इलाकों को सौंपा है।
आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले और दिल्ली के भाजपा नेता पवन शर्मा उत्तर-पश्चिम सेक्टर देखेंगे जो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और मोहम्मद शाहबुद्दीन का गढ़ माना जाता है। आर एसएस के एक और प्रचारक राजेंद्र सिंह दक्षिण-पश्चिम सेक्टर की जिम्मेदारी संभालेंगे जिसमें राजधानी पटना और मगध संभांग आते हैं।
दक्षिण-पूर्व इलाका गुजरात के नवसारी से लोकसभा सांसद सी आर पाटिल के जिम्मे होगा। इस इलाके में प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह इलाका नालंदा भी शामिल है। पाटिल भूपेंद्र यादव के साथ बिहार के सह-प्रभारी हैं।
चार में से तीन कमांडरों के आरएसएस से करीबी जुड़ाव है। इनमें से दो संघ प्रचारक हैं और चौथे पाटिल को अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब माना जाता है। चुनाव प्रचार में मदद के लिए इन कमांडरों के साथ आठ स्थानीय नेताओं को जोड़ा गया है।