भाजपा ने LS चुनाव में हारी सीटों की जिम्मेदारी RS सांसदों को सौंपी
Published: Aug 31, 2016 11:26:00 pm
पार्टी ने संसद के उच्च सदन के सांसदों को सदन, संगठन और सड़क तीनों जगह सक्रियता से योगदान देने का मंत्र दिया
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राज्यसभा सांसदों को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और दो साल के कार्यकाल के दौरान हासिल उपलब्धियों को आम जनमानस तक पहुंचाने तथा समाज के गरीब एवं उपेक्षित वर्ग को पार्टी से जोडऩे की अहम जिम्मेदारी बुधवार को सौंपी। पार्टी ने संसद के उच्च सदन के सांसदों को सदन, संगठन और सड़क तीनों जगह सक्रियता से योगदान देने का मंत्र दिया और कहा कि संख्या में कमी की वे अध्ययन, सजगता, चर्चा की गुणवत्ता और प्रस्तुतीकरण की प्रभावी शैली से भरपाई करें।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई पार्टी के राज्यसभा सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के साथ संपन्न हुई। पार्टी ने पहली बार राज्यसभा सांसदों के लिए अलग से कोई बैठक आयोजित की थी। बैठक में भाजपा के सभी 51 सांसद, पार्टी के सभी महासचिव और संसदीय बोर्ड के सदस्य भी शामिल हुए। बैठक की जानकारी देते हुए राज्यसभा के उपनेता एवं केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि करीब पांच घंटे चली इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष शाह के अलावा संगठन महामंत्री रामलाल, राज्यसभा में नेता सदन एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी सांसदों को संबोधित किया।
प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने नए राज्यसभा सांसदों के नई उम्र का होने का उल्लेख करते हुए कहा कि वे पार्टी के विस्तार और विकास में सक्रियता से भागीदारी करें। वे जिन प्रदेशों से चुन कर आए हैं, वहां संगठन को मजबूत करने तथा उस राज्य के सबसे गरीब एवं उपेक्षित तबके को भाजपा से जोडऩे के लिए काम करें। मोदी ने यह भी कहा कि राज्यसभा में भले ही भाजपा संख्या में कम है, लेकिन सदन में वे चर्चाओं में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए तर्कपूर्ण बहस, गहन अध्ययन, समसामयिक विषयों की जानकारी पर ध्यान दें। वे सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित करें।
सोशल मीडिया पर सक्रिया रहने की सलाह
प्रधानमंत्री ने सांसदों को सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहने की सलाह दी। प्रसाद ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने राज्य सभा सांसदों का आह्वान किया कि उनके प्रदेशों में जिन लोक सभा क्षेत्रों में पार्टी नहीं जीत पाई है वहां वे क्षेत्रों में से किसी एक क्षेत्र को चुन कर वहां संगठन के विस्तार एवं केंद्र सरकार की उपलब्धियों के प्रचार आदि का कार्य अपने जिम्मे लें। उन्होंने बताया कि जेटली ने सांसदों को बहस में भाग लेने, शब्दों के चयन, प्रश्नों के विषय चुनने, होमवर्क करने आदि के गुर सिखलाए तो संगठन महामंत्री ने उनसे संगठन के कार्यों में अधिक रुचि लेने और सक्रियता से योगदान करने का आग्रह किया।
बैठक को पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडु ने भी संबोधित किया। बैठक में सोशल मीडिया के लिए एक अलग सत्र आयोजित किया गया। अमित मालवीय ने एक प्रेजेंटेशन दिया कि किस प्रकार से नरेन्द्र मोदी एप्प सहित विभिन्न एप्प उपयोग किए जाएं। संसद में बहस के मुद्दों को भी सोशल मीडिया पर कैसे साझा किया जाए ताकि वे लोगों तक पहुंच सकें। भाजपा ने बीते सप्ताह सरकारी योजनाओं के निचले स्तर तक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और गरीबों के लिए कल्याणकारी राज व्यवस्था कायम करने के मकसद से पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी जिसमें एक समान गरीब कल्याण एजेंडा तैयार किए जाने का फैसला लिया गया था।
23 को राज्यों में कोर समूहों की भी हुई थी बैठक
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को उज्ज्वला योजना, फसल बीमा योजना, जनधन खाता एवं आधारलिंक कार्यक्रम को शत प्रतिशत लागू किए जाने पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का देश में कम से कम भाजपा शासित राज्यों में तो आदर्श क्रियान्वयन होना ही चाहिए ताकि आम जनता को शीघ्र अति शीघ्र इसका लाभ मिल सके तथा अन्य राज्य भी इसके लिए प्रेरित हों। इससे पहले 23 अगस्त को पार्टी के राज्यों में कोर समूहों की भी एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें संगठन एवं सरकार के बीच अधिक समन्वय कायम करने पर जोर दिया गया था।
पार्टी का एकमात्रा लक्ष्य राष्ट्र निर्माण
मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आम आदमी के दिल में जगह बनाने की प्राथमिकता तय करते हुए कहा था कि पार्टी को राजनीतिक ताकत के साथ-साथ सामाजिक ताकत के रूप में मजबूत बनाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों पर पार्टी, सरकार एवं जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और कहा था कि हमें जनसामान्य को भरोसा दिलाना होगा कि हमारा एकमात्र लक्ष्य ‘राष्ट्र निर्माण’ है।
पार्टी ने स्वाधीनता का 70वां वर्ष शुरू होने पर देश भर में विभिन्न स्थानों पर तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया था। केन्द्रीय मंत्रियों एवं संगठन पदाधिकारियों ने अनेक शहरों में मोटरसाइकिलों पर स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया।