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सुशील मोदी बन सकते हैं भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार

Published: Jul 12, 2015 01:59:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता

Sushil Modi

Sushil Modi

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है।


बिहार में सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जदयू-राजद सहित अन्य दलों के महा-गठबंधन ने नीतीश कुमार को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है लेकिन भाजपा अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। अभी तक यही कहा जा रहा था कि भाजपा नरेन्द्र मोदी के चेहरे को आगे रख कर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक सुशील मोदी की विश्वसनीयता तो है ही,इसके अलावा यह भी तत्थ महत्वपूर्ण है कि वह ओबीसी नेता हैं।

सूत्रों के मुताबिक सुशील मोदी संघ की भी पहली पसंद है। संघ ने मोदी के नाम पर मुहर लगाने की इच्छा व्यक्त की है। मोदी 1977 से 1986 तक संघ के पूर्णकालिक सदस्य रहे हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद के मुताबिक अभी तक बिहार में भाजपा के जो भी नेता हैं उनमें सुशील मोदी सबसे अनुभवी लीडर हैं। उन्हें विपक्ष में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,सांसद और स्टेट मिनिस्टर रह चुके हैं। मोदी ओबीसी नेता तो है ही,वह संघ के भी विश्वस्त हैं।

पार्टी के ज्यादातर नेताओं का मत है कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। उनके मुताबिक शाहनवाज हुसैन,नंद किशोर यादव,केन्द्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह,गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे भी दौड़ में शामिल है। उत्तर बिहार से एक भाजपा विधायक ने बताया कि सीएम पद के लिए मोदी का नाम औपचारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है लेकिन दिल्ली से मिले संकेतों से स्पष्ट है कि वह विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा होंगे। उन्होंने उम्मीदवारों के चयन सहित अन्य कामों के लिए पूरी छूट दी गई है।


नंद किशोर यादव और राधा मोहन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने अब खुशी-खुशी मोदी को स्वीकार कर लिया है। जब उनके नाम की औपचारिक घोषणा हो जाएगी तो उम्मीद है कि अन्य नेता भी फैसले को मानेंगे। भाजपा विधायक ने कहा कि फैसला लेने में जाति प्रमुख फैक्टर रहा है। सवर्ण बिहार की कुल जनसंख्या का 11 फीसदी से ज्यादा नहीं है। 16 फीसदी मुस्लिम और 14 फीसदी यादव हैं। करीब 36 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की है। ओबीसी ने हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी का खुलकर समर्थन किया था। मोदी की खुद की जाति(वैश्य) कुल आबादी का 6.5 फीसदी है।
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