भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव फतह के लिए अपनी रणनीतियों पर अमल करना शुरू कर दिया है। पार्टी की योजना दलित और ओबीसी मतदाताओं पर दाव लगाने की है।
uttar pradesh ellection 2017
नई दिल्ली। असम के बाद अब बीजेपी की नजर 2017 में यूपी फतह करने की है। पार्टी के राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेताओं ने इसके मद्देनजर अपनी रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। छह क्षेत्रीय सम्मेलनों में 1,19,000 प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की सहभागिता से पार्टी के नेता खासे उत्साहित हैं। पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए 1,00,000 कार्यकर्ताओं की चुनावी ड्यूटी भी तय दी गई है। ये कार्यकर्ता यूपी चुनाव संपन्न होने तक पार्टी के लिए दिन-रात काम करेंगे।
शाह की पांच सूत्रीय योजना सभी समुदायों के मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में मोबिलाइज करने के लिए भाजपा राष्ट्रीय अध्क्ष अमित शाह ने पांच सूत्रीय कार्यक्रम तैयार किए हैं। इन कार्यक्रमों में विधानसभावार बूथ कार्यकर्ताओं का सम्मेलन, जिलावार यूथ, महिला व ओबीसी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन। चार परिवर्तन यात्रा और दो विधानसभा पर एक ओबीसी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन।
यूपी फतह के लिए बीजेपी की विशाल फौज – छह जोनल बैठकों में 1,19,000 प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं से मिले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह – पांच परंपरागत चुनावी अभियानों के लिए 1,00,000 कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां – सोशल मीडिया कैंपेन के लिए 5,000 आईटी युवा चिन्हित
सपा-बसपा के 350 नेता होंगे भाजपा में शामिल भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए यूपी जीत सबसे अहम है, क्योंकि इससे न केवल पार्टी यूपी में एक बार फिर सत्ता में वापसी करने में सफल होगी, बल्कि पार्टी इस जीत का लाभ अन्य राज्यों में प्रस्तावित चुनावों में उठाना चाहेगी। यहां तक कि भाजपा लोकसभा चुनाव 2019 तक इसे भुनाने की कोशिश करेगी। इसलिए पार्टी बसपा और सपा के स्थानीय स्तर पर प्रभाव रखने वाले 350 से ज्यादा नेताओं को भाजपा में शामिल करने का मन बना चुकी है। प्रदेश के कुछ प्रमुख सीटों पर विधानसभा टिकटों के बंटवारे पर शीर्ष नेतृत्व गंभीरता से विचार कर रहा है। इन स्थानीय नेताओं को उपयोग पार्टी अपनी जरूरतों के अनुरूप करेगी।