नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा किया। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार में शामिल दलों के सांसद अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं जिससे देश में सदभाव का वातावरण खराब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेता संजय राउत ने अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की मांग की है जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की। उनके बयान से देश का सिर शर्म से झुक गया है। प्रधानमंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें अपना मौनव्रत तोड़कर सिंह से इस्तीफा मांगना चाहिए और सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार सिंह के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है। ऊंचे पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति को ऎसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे किसी भी भावना आहत होती हो। लेकिन कांग्रेस के सदस्य इससे सहमत नहीं हुए और प्रधानमंत्री के बयान की मांग करने लगे। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे जिससे प्रश्नकाल बाधित हुआ।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहाकि, उन्हें उम्मीद है कि यह सत्र उपयोगी साबित होगा और कई मुद्दों पर रचनात्मक बहस होगी। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मोदी ने कहाकि, मुझे इस सत्र से उम्मीद है। मुझे विश्वास है सत्र का दूसरा हिस्से में भी रचनात्मक विचार-विमर्श का नया स्तर देखने को मिलेगा।
उन्होंने पिछले सत्र में सहयोग के लिए विपक्षी पार्टियां को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि, संसद के पिछले सत्रों में योगदान के लिए मैं विपक्षी पार्टियों का आभारी हूं। इस सत्र में भी मुझे सभी पार्टियों से इसी तरह के सहयोग की उम्मीद है। इससे पहले उन्होंने संसद सत्र को लेकर सोमवार सुबह एक ट्वीट भी किया।
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में भू अधिग्रहण विधेयक का भविष्य तय होने की संभावना है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी सत्र के पहले दिन ही अध्यादेश को सदन में रख सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तीन अप्रैल को अध्यादेश को सदन में पुन: लाने की मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार के लिए बिल को पास कराने की असल चुनौती राज्यसभा में ही है। संसदीय कार्यमंत्री वैंकेया नायडू ने सभी भाजपा सांसदों से पूरे सत्र के दौरान अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के लिए कहा है।
23 से राज्यसभा सत्र
नए अध्यादेश में पिछले चरण में लोकसभा से पास नौ संशोधनों को भी शामिल किया गया है। संसद का यह सत्र 13 मई तक चलेगा। वहीं राज्यसभा का सत्र 23 अप्रेल से शुरू होगा। वहीं राहुल गांधी की वापसी के बाद कांग्रेस भी भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर और अधिक आक्रामक नजर आ रही है। इसके चलते सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस बिल पर हंगामा होने के आसार हैं।