इससे यह एक प्रकार से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार 1817 के पाइक विद्रोह का महिमामंडन जरूर कर रही है, पर इसे आजादी की पहली लड़ाई के रूप में देखने जैसा कोई विचार नहीं है।
भुवनेश्वर: पाइक विद्रोह को पहली आजादी की लड़ाई घोषित करने की ओडिशा सरकार की हालिया मांग ठंडे बस्ते में डाल दी गक्र है। ऐसे संकेत पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में मिले हैं। मन की बात में पीएम नौ अगस्त का भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करना नहीं भूले। जब इसकी चर्चा की, तो उन्होंने दो बार 1857 को देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम बताया।
सरकार नहीं कर रही विचार
इससे यह एक प्रकार से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार 1817 के पाइक विद्रोह का महिमामंडन जरूर कर रही है, पर इसे आजादी की पहली लड़ाई के रूप में देखने जैसा कोई विचार नहीं है। इस विद्रोह के 200 साल पूरे होने पर दिल्ली में जलसा आयोजित करके द्विशताब्दी समारोह की शुरुआत केंद्र ने की। साल भर तक कार्यक्रम चलेंगे।
सीएम पटनायक ने भेजा था प्रस्ताव
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कैबिनेट की विशेष मीटिंग बुलाकर पाइक विद्रोह को आजादी की पहली लड़ाई घोषित करने का प्रस्ताव पारित कराके केंद्रीय गृहमंत्री
राजनाथ सिंह को भेजा था।