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मंत्रिमंडल ने 105 पुराने कानूनों को खत्म करने की मंजूरी दी

Published: Jan 18, 2017 06:56:00 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने 105 पुराने
अधिनियमों को हटाने के लिए निरस्त एवं संशोधन विधेयक-2017 पेश करने को
मंजूरी दे दी

Ravi Shankar Prasad

Ravi Shankar Prasad

नई दिल्ली। पुराने और निरर्थक हो चले कानूनों से निजात पाने की कोशिशों के तहत बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 105 पुराने निरर्थक कानूनों को खत्म करने की मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने 105 पुराने अधिनियमों को हटाने के लिए निरस्त एवं संशोधन विधेयक-2017 पेश करने को मंजूरी दे दी।

केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मई, 2014 से अगस्त, 2016 के बीच 1,175 ऐसे पुराने कानूनों को हटाया जा चुका है। केंद्र सरकार ने ऐसे 1,824 केंद्रीय कानूनों को चिह्नित किया है, जो इतने पुराने पड़ चुके हैं कि उनकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है।

प्रसाद ने बताया कि विभिन्न राज्य सरकारों से भी पुराने पड़ चुके 227 कानूनों को हटाने का अनुरोध किया है। विधि मंत्रालय के अनुसार, अनुपयोगी हो चुके कानूनों की एक सूची सभी मंत्रालयों और विभागों को भेजा गया है, जिस पर उनकी राय मांगी गई है। राज्य के विभागों सहित 73 मंत्रालयों/विभागों ने 105 कानूनों के हटाए जाने पर सहमति दे दी है, जबकि 139 ऐसे कानूनों को हटाने पर सहमति नहीं मिली है।

भारत-रूस के बीच समझौते को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विचारों, मूल्यों तथा संस्कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में मदद को लेकर रूस के साथ युवाओं के आदान-प्रदान के लिए भारत तथा रूस के बीच एक समझौते को बुधवार को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान के मुताबिक, भारत तथा रूस के बीच युवा मामलों के क्षेत्र में आदान-प्रदान कार्यक्रम से जनता के बीच संपर्कों के माध्यम से युवाओं के बीच विचारों, मूल्यों तथा संस्कृतियों को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के मित्रवत संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

बयान में कहा गया है, आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भागीदारी का चयन एक उद्देश्य के तहत व पारदर्शिता पूर्वक किया जाएगा और समझौते के तहत कार्यक्रम के परिणाम की लोग समीक्षा करने में सक्षम होंगे। आदान-प्रदान कार्यक्रम युवाओं में अंतर्राष्ट्रीय पहलू का विकास करने तथा युवा मामलों में उनके ज्ञान तथा विशेषज्ञता का विस्तार करने में मदद करेगा।
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