नई दिल्ली। बैंकों से हज़ारों करोड़ रुपये का कर्ज़ लेकर देश से भाग निकलने वाले उद्योगपति विजय माल्या पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से पांच सवाल भी पूछे हैं। कांग्रेस ने पूछा कि क्या विजय माल्या भागने से पहले जेटली से मिले थे? क्या जेटली ने माल्या को लेकर मोदी से बात की थी?
इसके साथ ही कांग्रेस ने सोमवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि मोदी सरकार विजय माल्या को बचा रही है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब कारोबारी डबल एनआरआई हो गए हैं। नॉन रीपेइंग इंडियन और नॉन रिटर्निंग इंडियन।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि एक मार्च को माल्या संसद में थे। उन्होंने जेटली से बात और मुलाकात की। पूरी दुनिया जानती है कि उसके दूसरे दिन अचानक वो देश छोड़कर चले गए। हालात बता रहे हैं कि माल्या को देश छोड़ने की सलाह दी गई, क्योंकि उन्होंने तब देश छोड़ा जब सीबीआई, बैंक, सेबी, ईडी, एसएफआईओ, सर्विस टैक्स और इनकम टैक्स उनके खिलाफ जांच कर रहे थे।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि ये आधिकारिक हो चुका है कि माल्या सरकार के फेयर एंड लवली स्कीम के तहत देश के बाहर गए हैं। वे सच में डबल एनआईआई हो गए हैं- नॉन रीपेइंग इंडियन और नॉन रिटर्निंग इंडियन।
इसके साथ ही सुरजेवाला ने 100 दिन के भीतर कालेधन की वापसी के वादे को नहीं निभाने के लिए भी सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि सराकार ललित मोदी औऱ विजय माल्या जैसे लोगों को देश से भगाने का गेटवे दे रही हैं।
मोदी सरकार से कांग्रेस के पांच सवालः-
1- क्या भारत सरकार माल्या को सौंपने के लिए यूके गवर्नमेंट पर दबाव डालेगी? क्या सरकार लोगों के 9 हजार करोड़ रुपए हासिल कर पाएगी?
2- माल्या 1 मार्च को फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली और फाइनेंस सेक्रेटरी से मिल कर गए। क्या जेटली ने मोदी को अपनी मीटिंग के बारे में बताया था? क्या वे संसद को भी बताएंगे?
3- माल्या को पकड़ने के लिए जो लुकआउट नोटिस जारी हुआ था, उसे सीबीआई ने इन्फॉर्मेशन देने वाला लुकआउट नोटिस क्यों बना दिया। ऐसा किस मकसद से किया गया?
4- एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने माल्या को पेश होने के लिए समन भेजा था। कोर्ट ने भी उनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया है। इन सबके बावजूद माल्या देश से बाहर कैसे चले गए?
5- डियाजियो (यूनाइटेड स्पिरिट की मालिक) ने माल्या से 515 करोड़ रुपए (75 मिलियन डॉलर) की डील की थी कि वे कंपनी के बोर्ड से हट जाएं। इसमें से 40 मिलियन डॉलर माल्या के अकाउंट में पहुंच चुके हैं। सरकार इन पैसों को कैसे हासिल करेगी?