चुनाव आयोग ने गुजरात के राज्यसभा चुनाव में नोटा प्रयोग की अधिसूचना जारी कर दी है। बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि आम चुनाव में नोटा का विकल्प है लेकिन जब चुने हुए प्रतिनिधि हैं तो उनके लिए नोटा का विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग के गुजरात के राज्यसभा चुनाव में नोटा के प्रयोग की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्यसभा चुनाव के लिए नोटा के प्रयोग का विरोध बीजेपी ने भी किया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिदल मंडल चुनाव आयोग पहुंचा। बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग को राज्यसभा चुनाव में नोटा के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि बीजेपी नोटा के खिलाफ है। पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि आम चुनाव में नोटा का विकल्प है लेकिन जब चुने हुए प्रतिनिधि हैं तो उनके लिए नोटा का विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए। बीजेपी महासचिव ने कहा कि चुनाव आयोग को नोटा का प्रावधान राज्यसभा चुनाव में खत्म कर देना चाहिए।
कांग्रेस भी भड़की
इस चुनाव से ठीक पहले अधिसूचना जारी करने पर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गुजरात से राज्यसभा प्रत्याशी अहमद पटेल ने नोटा लागू करने पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से राज्यसभा चुनाव में नोटा हटाने की मांग की। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि जनवरी 2014 में राज्यसभा चुनाव में नोटा लागू किया गया। ऐसा 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईवीएम में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ यानी नोटा का विकल्प अनिवार्य करने के आदेश के बाद किया गया।
क्या गुजरात के लिए संविधान अलग है: गुलाम नबी
मंगलवार को राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने मामला उठाते हुए कहा कि संविधान में संशोधन या चुनाव आयोग के नियम के बगैर नोटा का विकल्प लागू किया गया। इस पर सभापति हामिद अंसारी ने मामला चुनाव आयोग के समक्ष ले जाने का सुझाव दिया, लेकिन विपक्ष ने इसे लेकर हंगामा जारी रखा। सदन के नेता वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नोटा का प्रावधान किया गया है। शर्मा ने कहा कि फिर तो उपराष्ट्रपति चुनाव में भी नोटा का विकल्प होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने पूछा कि क्या गुजरात के लिए संविधान अलग है। कांग्रेस सदस्यों का विरोध जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
नोटा पर संसद भी ठप
दरअसल गुजरात राज्यसभा चुनाव से पहले 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को चिंता सता रही है। कांग्रेस को डर है कि अगर चुनाव में नोटा का विकल्प दिया गया तो कई विधायक पार्टी लाइन से हटकर वोट कर सकते हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा भी कर रही है।
गुजरात: व्हिप का उल्लंघन कर नोटा दबाने वाले विधायकों पर होगी कार्रवाई
वरिष्ठ नेता अहमद पटेल गुजरात में राज्यसभा चुनाव जिताना कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया है। कांग्रेस के नए चीफ व्हिप शैलेष पवार ने गुजरात विधानसभा में अपने 51 विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। विधायकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे न तो नोटा (नन ऑफ द अबव) का बटन दबाएं और न ही भाजपा उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग करें। शैलेष ने कहा, कांग्रेस विधायक केवल पार्टी प्रत्याशी अहमद पटेल के लिए वोट करें। विधायकों को स्पष्ट निर्देश दे दिया गया है कि वे अपनी पहली पसंद के रूप में केवल अहमद पटेल को वोट करेंगे। सभी विधायकों को यह भी बताया है कि अगर वे व्हिप का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? नोटा का प्रयोग करना व्हिप का उल्लंघन माना जाएगा।
कांग्रेस ने भी की नोटा हटाने की मांग, आयोग ने कहा 2014 से है लागू
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और मनीष तिवारी ने चुनाव आयोग जाकर आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में नोटा को हटाने की मांग की। आयोग को दिए ज्ञापन में कहा कि परोक्ष चुनाव में नोटा का उपयोग संविधान, जनप्रतिनिधि कानून और चुनाव संचालन नियमों के विपरीत है। शर्मा ने कहा कि नोटा को कानून में संशोधन के जरिए लागू करना चाहिए न कि केवल नियमों में बदलाव कर। लेकिन आयोग ने यही कहा कि यह नया निर्देश नहीं है, इसे 2014 में लागू किया गया।
संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघनः कांग्रेस
हमने विधायकों को राज्य सभा के चुनाव में क्या करना है, इसके बारे में सचेत किया, इसलिए उन्हें यह बताने की कोई जरूरत नहीं है कि क्या नहीं करना चाहिए। हमने तकनीकी पहलुओं का अध्ययन किया है। गुजरात में होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में पहली बार नोटा के विकल्प का इस्तेमाल होने जा रहा है। भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष
अमित शाह, केंद्रीय मंत्री
स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रस की तरफ से एकमात्र उम्मीदवार अहमद पटेल हैं। कांग्रेस ने नोटा के प्रयोग पर एतराज जताया है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग बिना संवैधानिक संशोधन के राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का प्रयोग नहीं कर सकता। कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघन है।