देश जानना चाहता है कि भ्रष्टाचार से किसे फायदा हुआ : पर्रिकर
Published: May 04, 2016 11:25:00 pm
पर्रिकर ने कहा, इस बात पर सहमति है कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है
नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर रिश्वतखोरी मामले में जांच के केंद्र में वे नाम रहेंगे जिनका उल्लेख इटली की अदालत के फैसले में किया गया है। इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में पर्रिकर ने कहा, इस बात पर सहमति है कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। इससे पहले की सरकार ने इसे माना और इस समूह पर वर्ष 2014 में रोक लगाई। इस मौजूदा सरकार ने आदेश जारी किया। मंत्री ने कहा, भ्रष्ट कार्यप्रणाली केंद्रीय मुद्दा है और जांच के जरिए इसे बेनकाब किया जाएगा।
पर्रिकर ने कहा, उपरोक्त पृष्ठभूमि के बीच ये जांच निश्चित रूप से उन लोगों की भूमिका पर केंद्रित रहेगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है। इसकी व्यापक छानबीन सुनिश्चित करने के लिए भी यह जरूरी है। उस फैसले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी, कांगे्रस नेता अहमद पटेल व अन्य लोगों के नाम हैं।
हालांकि, कांग्रेस ने जोर देकर कहा है कि फैसले में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। मंत्री ने करीब 45 मिनट लंबे जवाब में पूरा बयान पढ़ा और एक सूची दी कि सौदे में क्या-क्या गलत था। विपक्षी दल कांग्रेस ने तथ्यों पर आपत्ति दर्ज कराई कि वह सदन की टेबल पर उसकी प्रति रखे बगैर ही लिखित बयान पढ़ रहे हैं। उनके भाषण के बाद पार्टी ने सदन का बहिष्कार किया।
पर्रिकर ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो पैसे के लेने से जुड़े मामले की तहकीकात कर रही है। पहले लगता था कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की कार्रवाई को कुछ अदृश्य हाथ मार्गदर्शित कर रहे थे। पर्रिकर ने कहा, सीबीआई ने मार्च 2013 में प्राथमिकी दर्ज की थी। उसने प्राथमिकी की प्रति ईडी को उपलब्ध कराने की नौ महीने तक जहमत नहीं उठाई। यह और हैरत की बात है कि ईडी ने उस प्राथमिकी पर जुलाई 2014 तक कोई काम नहीं किया।
उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि कुछ अदृश्य हाथ सीबीआई की सक्रियता और निष्क्रियता का मार्गदर्शन कर रहे थे। मौजूदा सरकार ने जब सत्ता संभाली तब से सीबीआई और ईडी इसके सभी पहलुओं की जोर लगाकर जांच कर रही हैं। मौजूदा स्थिति के बारे में मंत्री ने कहा, सीबीआई रिश्वत के पैसे की सुनवाई कर रही है लेकिन मैं उसका ब्यौरा नहीं दे सकता। पैसा कहां गया, हम लोग उसका पता लगा रहे हैं।
सौदे का ब्योरा देते हुए मंत्री ने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड की निविदा को शामिल करने के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरतों में बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि आरपीएफ (प्रस्ताव का आग्रह) अगस्तावेस्टलैंड, इटली को जारी किया गया और आरपीएफ का जवाब अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड, यूके से लिया गया, जबकि वह कंपनी ही नहीं थी जिसे आरपीएफ जारी किया गया था। वह निविदा तत्काल खारिज की जानी चाहिए थी क्योंकि ये वो कंपनी ही नहीं थी जिसे आरपीएफ जारी किया गया था। मंत्री ने यह भी कहा कि क्षेत्र परीक्षण एडब्ल्यू101 हेलीकॉप्टर पर नहीं किया गया जिसे खरीदा जाना था। उन्होंने इसका परीक्षण देश के बाहर करने पर भी सवाल उठाया।