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नोटबंदी सरकार को तबाह करने वाला प्रयोग : गुलाम नबी आजाद

Published: Dec 08, 2016 07:48:00 pm

उन्होंने नोटबंदी को सरकार का गलत फैसला बताया और कहा कि उसकी इस नीति के कारण तबाही और बर्बादी के अलावा देश को कुछ नहीं मिला

ghulam nabi azad

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने नोटबंदी के एक माह बाद भी नकदी की किल्लत कम नहीं होने पर सरकार की तीखी आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिणाम को समझे बिना यह घोषणा की जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 128 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि एक अध्ययन से पता चला है कि देश के जीडीपी को नोटबंदी के कारण 128 लाख करोड़ का घाटा हो रहा है।

उन्होंने नोटबंदी को सरकार का गलत फैसला बताया और कहा कि उसकी इस नीति के कारण तबाही और बर्बादी के अलावा देश को कुछ नहीं मिला। इसके कारण सौ लोगों की जान चली गई और लोगों को अपना पैसा निकालने के लिए तरसना पड़ रहा है। महज दो हजार रुपए के लिए घंटों लाइन में खड़े होकर इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सोचने और विचार करने के बाद ही निर्णय लेने की आवश्यकता थी। पुरानी करेंसी कितनी है और नई की कितनी जरूरत पड़ेगी, इस बारे में पहले सोचना चाहिए था, लेकिन मोदी को घोषणा करने की जल्दबाजी थी इसलिए उन्होंने आज से ठीक एक माह पहले रात आठ बजे यह घोषणा की और तब से देश की जनता नकदी के लिए परेशान है।

सरकार का दावा राजस्व सचिव ने गलत साबित किया
आजाद ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा छोटे कारोबारियों, गरीबों, मजदूरों और गृहणियों के लिए ज्यादा तबाही लेकर आई है। नकदी की कमी के कारण छोटे कारोबार बंद हो गए हैं जिससे छोटे कारोबारियों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। लाखों लोगों की नौकरी चली गई है। मजदूरों को काम तथा पैसा नहीं मिल रहा है और विकास कार्य पूरी तरह से ठहर गए हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की घोषणा को प्रधानमंत्री ने कालेधन को बाहर लाने का तरीका बताया था लेकिन उनका यह दावा सरकार के राजस्व सचिव ने ही गलत साबित कर दिया है। नोटबंदी के बाद जितनी रकम बैंकों में आने की आशा थी उससे कहीं ज्यादा रकम सिस्टम में लौट आई है जिससे स्पष्ट है कि सरकार का यह फैसला गलत रहा।

गलत साबित हुआ आतंकवाद वाला तर्क
उन्होंने कहा, इसी तरह से दावा किया गया था कि इससे नकली नोटों पर रोक लगेगी, लेकिन नोटबंदी के बाद कहा गया है कि सिर्फ 400 करोड़ रुपए ही नकली नोट के रूप में प्रचलित हैं। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने छोटी राशि की उगाही के लिए तबाही वाला फैसला लिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी को लेकर तर्क दिया गया था कि इससे आतंकवाद पर लगाम लगेगी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी के पास से बड़ी मात्रा में नई मुद्रा मिली है जिससे साफ होता है कि आतंकवाद वाला तर्क भी सरकार का गलत साबित हुआ है।

….लेकिन देश को नहीं देखा है
कैशलेस बनाने संबंधी तर्क पर उन्होंने कहा कि जब अमरीका, ब्रिटेन तथा जापान जैसे देशों में यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है तो भारत में इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। देश में 86 प्रतिशत लोगों को वेतन नकद दिया जाता है। इससे लगता है कि प्रधानमंत्री ने भले ही विदेश खूब देख लिया हो लेकिन उन्होंने देश को नहीं देखा है।

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