राहुल गांधी का यू-टर्न, RSS को नहीं बताया था गांधी का हत्यारा
Published: Aug 24, 2016 05:48:00 pm
मानहानि केस में राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनके वकील कपिल सिब्बल ने यह बात स्पष्ट की
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सफाई दी है कि उन्होंने कभी भी पूरे आरएसएस को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हत्यारा नहीं कहा। मानहानि केस में राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को यह बात स्पष्ट की। सिब्बल ने कहा,राहुल गांधी ने संस्थान के तौर पर आरएसएस पर कभी आरोप नहीं लगाया बल्कि इससे जुड़े उन लोगों पर आरोप लगाया था जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की थी।
सिब्बल ने मुंबई हाईकोर्ट में दायर राहुल गांधी के हलफनामे का हवाला दिया। इसके मुताबिक राहुल गांधी ने आरएसएस के कुछ लोगों पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था न कि संगठन को महात्मा गांधी का हत्यारा बताया था। आरएसएस की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस किया है। कुंटे ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सोनाले में 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली में कहा था कि आरएसएस ने गांधी जी की हत्या की।
कुंटे ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने अपने भाषण के जरिए संघ की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश की। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की निचली अदालत में चल रहे केस को रद्द करने की मांग की है। मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आरएस नरीमन की पीठ ने कहा,हम जो समझे हैं वह यह है कि आरोपी ने कभी भी आरएसएस को एक संस्थान के तौर पर महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदारा नहीं ठहराया बल्कि कुछ लोगों को ठहराया जो कि इससे जुड़े थे।
पीठ ने कहा,अगर शिकायत कर्ता सहमत हो तो कोर्ट याचिका को खारिज करने के लिए तैयार है। पीठ ने शिकायतकर्ता के वकील यूआर ललित से कहा कि वह यह निर्देश लें कि क्या शिकायतकर्ता राहुल गांधी के बयान को रिकॉर्ड पर लेने से केस को खत्म करने के लिए तैयार है। शिकायतकर्ता के वकील यूआर ललित ने अपने मुवक्किल से सलाह लेने के लिए वक्त मांगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 1 सितंबर तय की।
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने 19 जुलाई को सुनवाई में कहा,आप किसी संगठन पर इस तरह से थोक में आक्षेप नहीं लगा सकते हैं। राहुल गांधी के वकील ने अदालत में उनके बयान को सही ठहराते हुए तर्क दिया था कि यह ऐतिहासिक तथ्य है और यहां तक कि सरकारी रिकॉर्ड में भी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राहुल गांधी को यह साबित करना चाहिए कि आरएसएस के खिलाफ उनके बयान में जनहित से जुड़ा क्या था,लिहाजा यह मामला ट्रायल के योग्य है।
मार्च 2014 में राहुल गांधी ने ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था,आरएसएस के लोगों ने गांधीजी की हत्या कर दी थी और आज उनके लोग (भाजपा)उनकी (गांधी)बात करते हैं। उन्होंने सरदार पटेल और गांधीजी का विरोध किया था। राहुल गांधी ने मई 2015 मेें सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हुए आपराधिक मानहानि के केस को खत्म करने की मांग की थी। गौरतलब है कि राहुल गांधी निचली अदालत के माफी मांगने के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं। राहुल गांधी की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने जो कहा वो महात्मा गांधी की हत्या के ट्रायल पर आधारित है।