scriptराहुल को लेकर रक्षा मंत्रालय के पीआरओ ने किया ट्वीट | Defence Ministry PRO retweets against Rahul Gandhi | Patrika News

राहुल को लेकर रक्षा मंत्रालय के पीआरओ ने किया ट्वीट

Published: Nov 28, 2015 01:33:00 pm

अधिकारी ने ट्वीट्स को अपने फेसबुक पेज ‘पीआरओ बीबीपी डीपीआर एमओडी’ पर दोस्तों के साथ भी साझा किए हैं

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

कोच्चि। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर एक अधिकारी द्वारा ट्वीट करने के बाद सरकारी कर्मचारियों के सोशल साइट्स पर उनके व्यवहार को लेकर बहस छिड़ सकती है, खासकर जो रक्षा मंत्रालय जैसे संवेदनशील मंत्रालय से जुड़े हुए हैं। मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने राहुल को लेकर री-ट्वीट किया जो ऑटो-लिंकिंग के जरिए उसके फेसबुक पेज पर भी आ गया।

इलाहाबाद में तैनात गु्रप कैप्टन बसंत बी. पांडे ने 25 नवंबर को कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ व्यंग्यात्मक राजनैतिक टिप्पणियां री-ट्वीट की थी। उल्लेखनीय है विचार-विमर्श के लिए राहुल बेंगलूरु के महिला कॉलेज गए थे जहां
उन्होंने कुछ सवाल पूछे थे और उस दौरान उन्हें असहज क्षणों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने श्रोताओं से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत और मेक इन इंडिया अभियान फलीभूत हो रहा है
और श्रोताओं ने जोरदार जवाब हां में दिया था।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, अधिकारी ने ट्वीट्स को अपने फेसबुक पेज ‘पीआरओ बीबीपी डीपीआर एमओडी’ पर दोस्तों के साथ भी साझा किए हैं। यहां उन्होंने अपने आप को रक्षा मंत्रालय में पीआरओ और प्रवक्ता बताया। पांडे ने अपने एक ट्वीट में कहा कि राहुल को सिर्फ कांग्रेस को लेकर ही बोलना चाहिए, जबकि एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि अपने इस कदम से पप्पू ने अपनी मां को शर्मींदा कर दिया। उन्होंने यह ट्वीट कांग्रेस उपाध्यक्ष की
छात्राओं के साथ हुई मुलाकात के बाद किए।

रक्षा मंत्रालय ने इन ट्वीट्स को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया, जबकि ग्रुप कैप्टन पांडे ने अखबार से बातचीत करते हुए अपने कदम का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों पर राजनीतिक टिप्पणी करने की कोई मनाही नहीं है। पीआरओ के रूप में मैं रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता सितांशु कार के ट्विट पर रि-ट्विट करता रहता हूं। नियमों के मुताबिक कोई भी गोपनीय जानकारी ऑनलाइन शेयर नहीं की जा सकती।

हालांकि, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि आधिकारिक हैसियत के मुताबिक पीआरओ भी कोई राजनैतिक टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो