नई दिल्ली। एलओसी पार हुए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि पहली बार के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर कौन सच्चा है, विदेश सचिव या रक्षा मंत्री। दरअसल, सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव एस जयशंकर ने कल संसदीय समिति को बताया कि ऑपरेशन पहले भी हुए थे, लेकिन जितने बड़े पैमाने पर इस बार हुआ था वैसा पहले कभी नहीं हुआ। अब कांग्रेस इसी को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को हाड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी माना कि सर्जिकल स्ट्राइक यूपीए सरकार के दौर में भी हुए हैं। मिस्टर पर्रिकर, क्या उन्हें भी आरएसएस ने प्रक्षिण दिया था।
गौरतलब है कि सरकार ने इसे माना है कि नियंत्रण रेखा पार पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक होती रहीं हैं, लेकिन पहली बार इसे सार्वजनिक किया गया है। सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव एस. जयशंकर ने विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक में सांसदों द्वारा पूछे जाने पर यह जानकारी दी। वहीं विदेश सचिव का बयान रक्षा मंत्री के दावे के विपरीत नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने समिति को बताया कि नियंत्रण रेखा पार पहले भी लक्षित और सीमित क्षमता वाले आतंक रोधी अभियान हुए हैं।
उन्होंने कहा कि 29 सितंबर के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत का कैलेंडर अभी तैयार नहीं हुआ है। अभियान के तुरंत बाद पाकिस्तान सैन्य संचालन महानिदेशक को इस बारे में सूचना दी गई थी। गौरतलब है कि पर्रिकर ने ने संप्रग सरकार के कार्यकाल में सर्जिकल स्ट्राइक के कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया था। हालांकि, संसदीय समिति में एस जयशंकर के बयान को लेकर ये सफाई आ रही है कि विदेश सचिव ने ये भी कहा है कि इस बार सरकार ने न सिर्फ स्ट्राइक की, बल्कि इसे सार्वजनिक तौर पर कबूल करके एलान भी किया है। यही बात अहम है।