scriptDNA बिल: जिंदा लोगों के प्राइवेट पार्ट्स के भी सैंपल्स लेगी सरकार | DNA profiling bill: India Govt may permit to take private parts sample from alive human | Patrika News

DNA बिल: जिंदा लोगों के प्राइवेट पार्ट्स के भी सैंपल्स लेगी सरकार

Published: Jul 26, 2015 12:58:00 pm

DNA बिल के सरकार तहत DNA प्रोफाइलिंग के लिए शरीर के प्राइवेट पार्ट्स के नमूने इकट्ठा करने की योजना बना रही है

DNA profiling bill

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नई दिल्ली। मोदी सरकार इस मानसून सत्र में डीएनए प्रोफाइलिंग बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। बिल के तहत डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए इनटिमेट बॉडी सैंपल्स (शरीर के प्राइवेट पार्ट्स का नमूना) इकट्ठा करने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों के अनुसार बिल को लेकर देश भर में बड़ा विवाद उठ सकता है। बिल के मसौदे में जिंदा लोगों के भी प्राइवेट पार्ट्स के भी सैंपल लिए जाने की अनुशंसा की गई है।



बिल पर विवाद क्यों?

बिल के तैयार मसौदे के मुताबिक जिंदा लोगों के शरीर के प्राइवेट हिस्से से भी डीएनए प्रोफाइलिंग के सैंपल्स लिए जाने की मंजूरी मांगी गई है। मसौदे के अनुसार इंटिमेट फोरेंसिक प्रोसिजर में प्राइवेट पार्ट्स के एक्सटर्नल एग्जामिन (बाहरी परीक्षण) के साथ साथ प्यूबिक हेयर्स से सैंपल्स लेने की इजाजत होगी। महिलाओं से जुड़े मामलों में ब्रेस्ट्स से सैंपल्स लेने की भी बात कही गई है। यही नहीं, शरीर के जिस हिस्से से सैंपल लिया जा रहा है उस हिस्से की फोटो या वीडियो रिकॉर्डिंग करने की भी अनुमति होगी। विशेषज्ञों के अनुसार इससे व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है।



क्यों जरूरी है डीएनए बिल

वर्तमान में अपराधी प्लास्टिक सर्जरी तथा अन्य मेडिकल सुविधाओं के चलते अपना रंग-रूप बदल लेते हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो जाती है। डीएनए बिल से ऐसा नहीं हो सकेगा। डीएनए बिल पारित होने से अपराधी की त्वरित पहचान संभव हो सकेगी, खास तौर पर रेप और हत्या जैसे मामलों में अपराधी को पकड़ना सहज हो सकेगा। बिल के अनुसार फोरेंसिक प्रोसिजर केवल ऑफेंडर (सजायाफ्ता) ही नहीं, बल्कि बड़े मामलों में अंडरट्रायल चल रहे अपराधियों का भी होगा।

सभी राज्यों में बनेगा डेटा बैंक

बिल में सभी राज्यों में एक डेटा बैंक बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें शरीर के बॉयोलॉजिकल नमूनों के संरक्षण और बेहतर इस्तेमाल पर बल दिया गया है। हालांकि इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल हो सकता है, इसीलिए बिल में सरकार ने बचने के लिए भी उपाय सुझाए हैं।

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