उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम ने प्रधानमंत्री के रूप में गांधी की पसंद पर कभी सवाल नहीं किए। लोकतंत्र में निचले सदन में बहुमत वाले दल को अपने नेता का चयन करने का विशेषाधिकार है। प्रधानमंत्री बनने के बाद जब डॉ. कलाम से मुलाकात हुई तो उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में गांधी की पसंद पर कभी सवाल नहीं खड़े किए। डॉ. कलाम ने अपने कार्यकाल के समाप्त होने के बाद पहली बार दिए साक्षात्कार में भारत-अमरीका परमाणु वार्ता का काफी समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम के राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के बाद परमाणु वार्ता पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के खिलाफ जब अविश्वास प्रस्ताव आया था तब उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव तथा अमर सिंह से परमाणु वार्ता का समर्थन करने की बात की थी। सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल में भी परमाणु वार्ता का समर्थन किया था।