जेएनयू विवाद से दुखी पूर्व सैन्यकर्मियों ने डिग्री लौटाने की दी धमकी
Published: Feb 13, 2016 07:34:00 pm
सैन्य अधिकारियों की ओर से यह पत्र 9 फरवरी की घटना के संदर्भ में लिखा गया है
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के विरोध स्वरूप अपनी डिग्रियां लौटाने की धमकी दी है। ये पूर्व सैनिक राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 54 वें बैच के सैनिक अधिकारी हैं जिन्हें जेएनयू से स्नातक की डिग्री मिली थी।
इन पूर्व सैनिकों ने जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार को शनिवार को भेजे पत्र में कहा है कि उनके लिए एक ऐसी संस्था के साथ अपना नाम जोड़े रखना मुश्किल हो रहा है जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अड्डा बनती जा रही है। यदि परिसर में आगे भी इसी तरह की गतिविधियों को चलने की इजाजत मिलती रही तो वह अपनी डिग्रियां लौटाने को विवश हो जाएंगे।
सैन्य अधिकारियों की ओर से यह पत्र 9 फरवरी की घटना के संदर्भ में लिखा गया है। इस दिन संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सह संस्थापक मकबूल भट्ट को फांसी दिए जाने के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इस कार्यक्रम में खुलेआम देश विरोधी नारे लगाए गए थे जिसका भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीवी) ने विरोध किया था।
पुलिस में शिकायत पहुंचने पर सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था। कुछ और छात्रों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। खबर है कि इनमें से सात को पुलिस ने शनिवार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जबकि कुछ फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
इस घटना के सिलिसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आठ छात्रों पर शिक्षा सत्र में शामिल होने से रोक लगा दी है। हालांकि इन छात्रों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इन छात्रों के खिलाफ जांच चलने तक इन्हें छात्रावास में रहने की अनुमित दी गई है। विश्वविद्यालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित कर दी है।
विपक्षी दलों खासकर वामदलों ने छात्रों के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार की आलोचना की है और इस बारे में अपनी नाराजगी और ङ्क्षचता जताते हुए आज गृहमंत्री से मुलाकात भी की। वामदलों को इसलिए ज्यादा एतराज है क्योंकि इस घटना को लेकर जिन छात्रों पर आरोप लग रहे हैं उनमें से ज्यादातर वामदलों से जुड़े छात्र संगठनों के बताए गए हैं।