नई दिल्ली: एक तरफ किसान मर रहे हैं और कर्जमाफी के लिए चेन्नई से लेकर दिल्ली तक की सडक़ों पर नंग-धड़ंग प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं, वहीं सांसद-विधायक अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए परेशान हैं। तमिलनाडु के विधायकों ने तो अपनी सैलरी में 100 फीसदी का इजाफा किया है। वहीं, संसद का
मानसून बुधवार को भी उम्मीद के मुताबिक हंगामेदार रहा। किसानों, दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। उधर, राज्यसभा में उपसभापति पीजे कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आश्वस्त किया किसानों के मुद्दे पर चर्चा जरूर की जाएगी। हां, इस हंगामे के बीच सांसद अपनी सैलरी बढ़ाने की बात आगे बढ़ाने से नहीं चूके।
सपा नेता अग्रवाल ने उठाई सैलरी बढ़ाने की मांग
लोकसभा में हंगामे के बीच बुधवार को कार्यवाही शुरू हुई।लेकिन हंगामे के चलते सदन ज्यादा देर नहीं चल सकी गुरुवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही की शुरुआत सांसदों की सैलरी बढ़ाने की मांग के साथ हुई। सपा सदस्य नरेश अग्रवाल के मुताबिक, सांसदों की सैलरी उनके सचिवों से भी कम है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने नरेश अग्रवाल की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि आलोचना करने वालों को समझना चाहिए कि एक सांसद के घर में कितने लोग आते हैं। शर्मा ने पूछा कि क्या धनपशुओं और संपन्न लोगों को ही संसद सदस्य बनना चाहिए?
तमिलनाडु में विधायकों की सैलरी 100 फीसदी बढ़ी
तमिलनाडु के विधायकों ने अपनी सैलरी में 100 फीसदी का इजाफा किया है। अब वहां के विधायक पहले के मुकाबले 50 हजार रुपए ज्यादा यानी कुल एक लाख पांच हजार रुपए की सैलरी हर महीने उठाएंगे। पहले इन्हें 55 हजार रुपए मिलते थे। सैलरी के अलावा विधायकों ने पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी की है। अब पूर्व विधायकों की पेंशन राशि 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है।
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विकास निधि में भी इजाफा
इसके अलावा विधायकों ने स्थानीय विकास निधि में भी इजाफा किया है। अब विधायक क्षेत्रीय विकास फंड 2 करोड़ से बढ़ाकर 2.6 करोड़ रुपए कर दिया गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने 19 जुलाई को विधानसभा में इस फैसले की घोषणा की।
Home / Political / किसान तो ज़हर खाने को मजबूर..लेकिन नेता अपनी तनख्वाह डबल करने में लगे