जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर दिया दूसरा विवादित बयान, कहा सुचेतगढ़ का रास्ता खोल देना चाहिए
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि, “अगर भारत की सारी फौज भी आ जाए तो आतंकवादियों का मुकाबला नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि बातचीत ही जम्मू-कश्मीर की समस्या को सुलझाने का इकलौता तरीका है।”
शनिवार को यहां मीडिया से बातचीत में फारुख ने कहा, “हिंदुस्तान की सारी फौज भी आ जाए तो टेरेरिस्ट या मिलिटेंट्स के खिलाफ डिफेंड नहीं कर सकती। आतंकवादियों से बातचीत करके मामला हल करना चाहिए। यही एक रास्ता है। लेकिन ये होगा कभी नहीं। पीपुल टू पीपुल कॉन्टैक्ट होना चाहिए। सुचेतगढ़ का रास्ता खोला जाना चाहिए।”
अब्दुल्ला ने दोहराया, “पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा रहना चाहिए और जम्मू-कश्मीर को भारत का। मैं ये पहली बार नहीं कहा रहा हूं। आज मीडिया बहुत मजबूत है। जब किसी घटना की जानकारी दी जाती है तो यह सोचा जाना चाहिए कि इसका इफेक्ट देश पर क्या होगा? भारत भी न्यूक्लियर पॉवर है और पाकिस्तान भी। दोनों किसी से एक-दूसरे का इलाका नहीं छीन सकते।”