जमीन सौदा : येदियुरप्पा, कुमारस्वामी पर एफआईआर
Published: May 07, 2015 11:24:00 am
पुलिस का आरोप है कि कुमारस्वामी को फायदा पहुंचाने के लिए येदियुरप्पा ने 2010 में
गंगेनाहाल्ली में एक एकड़ और 11 गुंता की बेशकीमती जमीन की अधिसूचना रद्द
कर दी थी
बेंगलूरू। लोकायुक्त पुलिस ने जमीन सौदा मामले में कर्नाटक के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-बी एस येदियुरप्पा और एच डी कुमारस्वामी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में दोनों पर मिलिभगत का आरोप लगाया है।
पुलिस का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) के वरिष्ठ नेता कुमारस्वामी को फायदा पहुंचाने के लिए येदियुरप्पा ने 2010 में गंगेनाहाल्ली में एक एकड़ और 11 गुंता की बेशकीमती जमीन की अधिसूचना रद्द कर दी थी। जद(एस) नेता की सास के पास इस जमीन का मुख्तारनामा (अटर्नी अधिकार) था और उन्होंने अपने बेटे को यह जमीन बेच दी थी।
जमीन के तीन खंडो-सर्वे नंबर 7/1बी, 7/1सी और 7/1डी का मालिकाना हक थिम्मा रेड्डी, टी नागप्पा और मुनिस्वामाप्पा के पास था। इन खंडों को बेंगलूरूर विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने 1976 में तीनों से वापस ले लिया था। हालांकि, 2007 में इनकी अधिसूना रद्द करने के लिए आवेदन दायर किया गया था।
3 फरवरी 2006 से 8 अक्टूबर 2007 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कुमारास्वामी ने अधिकारियों की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए कथित तौर पर जोर दिया की इस जमीन की अधिसूचना रद्द कर दी जाए । अक्टूबर में कुमारस्वामी के पद से इस्तीफा देने के बाद येदियुरप्पा प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने और उन्होने 2010 जमीन की अधिसूना रद्द कर दी।
दिलचस्प बात यह है कि जमीन की अधिसूचना रद्द करने के दौरान दोनों दल-जद(एस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। वहीं, पिछले महीने कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले आईएएस अधिकारी डी के रवि के मामले में दोनों दल कांग्रेस सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।