सुशासन के लिए राजनीतिक दखलंदाजी सही नहीं : मोदी
Published: Apr 21, 2015 11:48:00 pm
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पूरी दुनिया में एम-गवर्नेस या मोबाइल गवर्नेस शुरू होगी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन के लिए राजनीतिक दखलंदाजी का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि देश में सुशासन स्थापित करने के लिए लोक सेवकों में जवाबदेही, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता का होना जरूरी है। मोदी ने यहां सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करने के दौरान दक्षता और कौशल विकास पर बल देते हुए कहा, कई लोगों के उत्कृष्ट योगदान की बदौलत ही एक मजबूत भारत का निर्माण हो पाया है।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पूरी दुनिया में एम-गवर्नेस या मोबाइल गवर्नेस शुरू होगी और इसके लिए तकनीक एवं आर्थिक सुधार को गति देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा अधिकारियों से कहा कि उनका काम केवल विभाग को चलाना नहीं है, बल्कि उनकी प्राथामिकता नवाचारी पहल के माध्यम से विभाग को आधुनिक बनाने की भी होनी चाहिए। समाज के विकास में भी उनकी महती भूमिका होनी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों के पारिवारिक जीवन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, आप लोग काफी कुशलता से समय का प्रबंधन करते हैं, लेकिन आपका बहुमूल्य समय अपने परिजनों के साथ भी व्यतीत होना चाहिए। कृपया इसके बारे में जरूर विचार करें। अगर हम जीवन को महत्व न दें तो जिंदगी में केवल फाइलें ही शेष रह जाएंगी। तनावग्रस्त जीवन के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान जैसी उपलब्धि हासिल नहीं की जा सकती।
मोदी ने सामाजिक-आर्थिक एकीकरण पर बल देते हुए कहा कि भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल को याद करना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से उस मॉडल पर विचार करने की नसीहत दी, जो देश में भाईचारा बढ़ाने के साथ ही एकीकरण को महत्व देता हो।
उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी सिविल सेवा अधिकारियों को उनके बड़े भवनों और उनकी उपलब्धियों के लिए याद नहीं रखेगी, लेकिन राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की वजह से याद क रेगी। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को सम्मानित किया और उन्हें इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार केवल कागज पर नहीं होना चाहिए बल्कि उनकी तरफ से नई सीख की तरह होनी चाहिए।