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हरीश रावत ने स्टिंग वीडियो में होने की बात मानी

Published: May 01, 2016 08:24:00 pm

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडी में मेरे द्वारा अगर किसी को पैसा या पद देने की बात के सबूत हैं तो मुझे फांसी दे दी जाए

harish rawat

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देहरादून। स्टिंग ऑपरेशन में बागी विधायकों को कथित तौर पर खरीद-फरोख्त करते हुए दिखाए गए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को सीडी में होने की बात को मानते हुए कहा कि पत्रकार से मिलना कोई अपराध नहीं है।
उन्होंने पूछा, क्या पत्रकार से मिलना गुनाह है? एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए रावत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि बागी विधायको में से एक की अगर तकनीकी तौर पर उस वक्त सदस्यता रद्द नहीं हुई थी, मुझसे बातचीत की तो इससे क्या फर्क पड़ता है? क्या राजनीति में हम किसी चैनल पर बैन लगा देते हैं?

अपने आप को बेगुनाह बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सीडी में इस बात के सबूत हैं कि बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए कथित तौर पर पैसे देने की बात कर रहे हैं तो उन्हें जनता के सामने सूली पर चढ़ा दिया जाए। सीडी में मेरे द्वारा अगर किसी को पैसा या पद देने की बात के सबूत हैं तो मुझे क्लॉक टावर पर फांसी दे दी जाए। उल्लेखनीय है कि क्लॉक टावर शहर के बीचो-बीच स्थित चौक है।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ने जो कहा, उससे यह साबित होता है कि उनके (रावत) और सीडी बनाने वाले पत्रकार के बीच मुलाकात हुई थी। उनका कबूलनामा काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अभी तक रावत सीडी की असलियत पर सवाल उठाते हुए उसे फर्जी करार दे रहे थे।

रावत ने कहा कि कोई मुझपर 15 करोड़ रुपए क्यों खर्च करेगा? मेरा समय बर्बाद करने के लिए वह पत्रकार उस समय बेतुकी बातें कर रहा था और उसका टाइम पास करने के लिए मैंने भी कुछ कह दिया। इससे क्या फर्क पड़ता है? हम ऐसी
बातें रोज करते हैं। इसका मतलब यह तो नहीं की ऐसी बातों का इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया जाए।

गौरतलब है कि इस सीडी को एक निजी समाचार चैनल के मुख्य संपादक ने बनाया था और इसे कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने जारी किया था जिसके बाद राजनैतिक भूचाल आ गया था।

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