नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिक अधिकारों का समर्थन किया है। एक कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को धारा 377 पर फिर से समीक्षा करने की जरूरत है। समलैंगिक सेक्स को अपराधमुक्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी जेटली की बातों का समर्थन किया।
जेटली ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को गे-राइट्स पर अपने 2013 के फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। समलैंगिकता पर उच्चतम न्यायालय का फैसला 50 वर्ष पहले प्रासंगिक हो सकता था। सुप्रीम कोर्ट को समलैंगिकता पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को नहीं बदलना चाहिए था।
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