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“अंतरराष्ट्रीय विवादित क्षेत्र में रहता हूं, इसलिए नहीं भरा राष्ट्रीयता का कालम”

Published: May 22, 2015 01:06:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

गिलानी ने कहा उन्होंने राष्ट्रीयता का
कालम इसलिए खाली छोड़ा, क्योंकि वह ऎसे राज्य में रहते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर विवादित क्षेत्र माना जाता है

Syed Ali Shah Geelani,

Syed Ali Shah Geelani

नई दिल्ली। अलगाववादी संगठन (हुर्रियत कांफ्रेंस) के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने उनके पासपोर्ट आवेदन को लेकर उठे विवाद पर कहा है कि उन्होंने इसमें राष्ट्रीयता का कालम इसलिए खाली छोड़ा है क्योंकि वह एक ऎसे राज्य में रहते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विवादित क्षेत्र माना जाता है।

गिलानी ने अपनी बीमार बेटी से मिलने सऊदी अरब जाने के लिए पासपोर्ट का आवेदन किया था, लेकिन पासपोर्ट फार्म में सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण विदेश मंत्रालय ने कल उनका आवेदन यह कहते हुए लंबित रख दिया कि यह अधूरा है और वर्तमान स्थिति में इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती।

मंत्रालय के अनुसार उनके पासपोर्ट आवेदन में ना तो बायोमैट्रिक विवरण है, ना फोटोग्राफ लगे हैं और ना ही आवेदन शुल्क दिया गया है। हालांकि सरकार की ओर से जारी इस बयान में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि गिलानी ने राष्ट्रीयता वाला कालम खाली छोडा है, पर गिलानी एक बार फिर कश्मीर मसले को तूल देने के लिए इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में जुटे हैं। दूसरी और गिलानी के पुत्र सैयद नसीम ने कहा है कि यह आरोप गलत है कि पासपोर्ट का आवेदन शुल्क भरा नहीं गया है।

उन्होंने इसके लिए आवेदन शुल्क की रसीद का हवाला दिया है जिसमें रसीद नबंर के साथ ही शुल्क भरे जाने की तारीख 21 मई का भी जिक्र है। गिलानी ने एक अंग्रेजी दैनिक से साक्षात्कार में कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं जम्मू कश्मीर जैसे एक ऎसे राज्य में रहता हूं जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विवादित क्षेत्र माना जाता है। ऎसे में मैं खुद को किसी देश का नागरिक कैसे बता सकता हूं।

उन्होंने इस मामले को राजनीतिक रंग दिए जाने के उन पर लग रहे आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा का दामन थाम चुकी पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी यदि यह समझती है कि वह मेरे पासपोर्ट की कीमत पर कश्मीरियों में विश्वास बहाली में सफल रहेगी तो उसे इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए।

गिलानी पिछले तीन सप्ताह से अपने घर पर नजरबंद हैं । राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती तथा मुख्यधारा के कई नेताओं ने सरकार से उनका पासपोर्ट जारी करने का अनुरोध किया है। वहीं राज्य सरकार में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसका विरोध कर रही है। गिलानी को वर्ष 2007 और 2009 में पासपोर्ट जारी किया गया था, लेकिन उस समय आवेदन फार्म में उन्होंने राष्ट्रीयता के कालम में खुद को भारत का नागरिक बताया था।

उनका पासपोर्ट 1981 मे तब जब्त कर लिया गया था, जब वह अमरीका यात्रा से लौट कर आए थे। हालांकि बाद में वर्ष 2006 में उन्हें विशेष तौर पर जारी वीजा पर हज यात्रा पर जाने की इजाजत दी गयी थी। बाद में इलाज के लिए अमरीका जाने के वास्ते वर्ष 2007 में उन्हें नया पासपोर्ट जारी किया गया था।
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