विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच सरकार संसद का मॉनसून सत्र चलाने की कोशिशों में अबतक नाकाम रही है। ऎसे में अब सरकार के पास सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही सहारा है। सरकार चाहती है कि पीएम मोदी व्यापमं और ललित मोदी विवाद मामले पर संसद में हस्तक्षेप करें और सदन का काम भी हो सके। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, “अगर बहस की इजाजत मिलती है और ऎसा करने की जरूरत पड़ती है तो पीएम इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। वे पहले भी ऎसा कर चुका हैं और अब भी कर सकते हैं।’
सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि नायडू ने सोमवार को ही ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। इससे पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें विपक्षी दलों ने मांग की थी कि संसद में गतिरोध खत्म करने की पहल सत्तारूढ़ दल को करनी चाहिए। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों मेे विपक्ष और सरकार के बीच चल रही जुबानी जंग पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। जहां कांग्रेस की ओर से सरकार विरोधी नारे लग रहे हैं।
सरकार के भी कई मंत्रियों ने कांग्रेस पर पलटवार किया है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी संसद में काम नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस ललित मोदी विवाद और व्यापमं घोटाले को लेकर लगातार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रही है। संसद के मॉनसून सत्र में 11 दिन बचे हैं और अब तक एक भी दिन पूरी तरह से काम नहीं हो सका है।