राजनाथ सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर में शांति की शनिवार को अपील की और पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप न करे।
श्रीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत सरकार जम्मू एवं कश्मीर के साथ मजबूरी का कोई रिश्ता नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा रिश्ता चाहती है जो भावनाओं पर आधारित हो।
राजनाथ ने अशांत कश्मीर घाटी के दो दिवसीय दौरे के समापन पर यहां संवाददाताओं से कहा कि हम कश्मीर के साथ कोई मजबूरी का रिश्ता नहीं बनाना चाहते, बल्कि भावनात्मक रिश्ता विकसित करना चाहते हैं।
राजनाथ ने घाटी का दौरा ऐसे समय में किया है, जब आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सड़कों पर भड़के विरोध प्रदर्शनों में अबतक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और हजारों की संख्या में घायल हो चुके हैं।
राजनाथ ने कश्मीर में शांति की अपील की
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर में शांति की शनिवार को अपील की और पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप न करे।
राजनाथ ने अशांत कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर मीडिया से कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि कश्मीर घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाटी के हालात से बहुत चिंतित हैं, जहां आठ जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सड़कों पर भड़के विरोध प्रदर्शनों में अबतक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाता है, दूसरी ओर कश्मीर में युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। पाकिस्तान की भूमिका ठीक नहीं है। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के बारे में अपनी आदत और सोच बदलनी चाहिए। राजनाथ ने अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति शोक संवेदनना भी व्यक्त की। उन्होंने सुरक्षा बलों से आग्रह किया कि उन्हें गोलीबारी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में लोगों के भीतर मतभेदों को दूर करने के लिए एक संवाद शुरू किया जा सकता है।