नई दिल्ली। हिंदुस्तान सिर्फ हिंदुओं का देश है यह बयान देकर विवादों में आए असम के मुख्यमंत्री पी.बी. आचार्य ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। उनका कहना है कि उनके बयान का मतलब यह नहीं था कि हिंदुस्तान सिर्फ हिंदुओं के लिए है, बल्कि उन्होंने यह कहा था कि हिंदुस्तान ही नहीं बाहर के देशों के हिंदुओं को भी हिंदुस्तान में आकर रहने का अधिकार है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है, हालांकि उन्हें एडजस्ट करने में मुश्किल आएगी।
गौरतलब है कि असम के राज्यपाल पी बी आचार्य ने शनिवार को एक विवादित बयान देकर एक नई बहस को हवा दे दी थी। उन्होंने तथाकथित रूप से ऐसा बयान दिया था कि हिन्दुस्तान हिन्दुओं के लिए है और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर में एक भी बांग्लादेशी का नाम शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, उन्होंने ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में बांग्लादेशी “हिन्दू शरणार्थियों” से असम को डरने की जरूरत नहीं है। साथ ही दूसरे देशों के हिन्दुओं को भारत में शरण लेने में कुछ गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि, “हिन्दुस्तान हिन्दुओं के लिए है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। साथ ही पी बी आचार्य ने कहा कि अन्य देशों के हिन्दू भी यहां रह सकते हैं। वे बाहरी नहीं हो सकते हैं। इसको लेकर डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन उनको कैसे रखा जाए यह एक बड़ा सवाल है और इस बारे में सभी को सोचने की जरूरत है।”
उन्होंने एनआरसी सूची को अपडेट किए जाने और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान से भागकर भारत में शरण की उम्मीद से आए अल्पसंख्यकों पर जारी किए गए केंद्र की अधिसूचना से उपजे विवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही।