हालांकि, हार्दिक ने पहले इसे अपना निजी बयान बताया और बाद में इससे मुकरते हुए कहा कि उन्होंने ऎसा कोई बयान ही नहीं दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो गए वीडियो क्लिप को उन्होंने पटेल आंदोलन को तोड़ने की साजिश करार दिया।
दूसरी ओर डीजीपी ठाकुर ने कहा कि हार्दिक ने ऎसा राष्ट्रविरोधी और समाज विरोधी बयान देकर लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम किया है। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बेजा इस्तेमाल करार देते हुए कहा कि पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी और इस मामले में कानूनसम्मत कार्रवाई होगी।
उधर, पटेल आरक्षण आंदोलन से जुडे सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल ने भी अपने आप को हार्दिक के इस बयान से अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि गांधीवादी आंदोलन में हिंसा और हत्या का कोई स्थान नहीं है।
राज्य में पिछड़ी जातियों के संगठन ओबीसी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर ने कहा कि हार्दिक के ऎसे अराजक बयान से उनके बार बार के इस दावे की पुष्टि होती है कि यह युवक मानसिक संतुलन खो गया है और पूरे पाटीदार समाज को गलत रास्ते पर ले जाने की अराजक कोशिश कर रहा है।