इन सब में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल हंसी का पात्र बन गई हैं, जिन्होंने गुजरात को शांतिपूर्ण, स्थिर तथा सुव्यवस्थित बताकर महाराष्ट्र के कारोबारियों को गुजरात में निवेश का न्योता दिया है।
लेख में हार्दिक पटेल की ओर इशारा करते हुए कहा गया, अब क्या? एक व्यक्ति जिसकी मूंछ भी ठीक से नहीं उगी है, उसने उनके दावे की पोल खोल दी है। केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने गुजरात के राजनीतिज्ञों से राज्य में राजनीतिक आग भड़काने से बचने के लिए कहा है, क्योंकि ऎसा करना सरासर मूर्खता होगी।
लेख के मुताबिक, पटेल समुदाय के लोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे हीरा, रियलिटी तथा बड़े कारोबारों में सबसे आगे हैं और गुजरात के एनआरआई में भी उनकी काफी तादाद है। राजनीति में आनंदीबेन पटेल के रूप में यह समुदाय राज्य का नेतृत्व कर रहा है, फिर भी यह समुदाय पिछड़ा बनना चाहता है और इसके लिए सड़क पर उतर गया है।
लेख में कहा गया है, गुजरात के पटेलों की तरह ही महाराष्ट्र में मराठे भी प्रभावशाली हैं और कई मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने हिंसा का रूख कभी नहीं किया। हिंसा करने वालों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता।