भाजपा नेतृत्व से संपर्क टूट गया है : उद्धव ठाकरे
Published: Jul 26, 2016 12:04:00 am
उन्होंने कहा कि भाजपा की बड़ी पीढ़ी जिसमें वाजपेयी, आडवाणी और अन्य नेता हुआ करते थे, अब राजनीति में नहीं है
मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को स्वीकार किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेतृत्व से (उनकी पार्टी का) संपर्क टूट गया है। उद्धव ठाकरे ने इसके पीछे मुख्य कारण भाजपा में उस पीढ़ी के बदल जाने को बताया जिसके साथ शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र दोनों सरकारों में शामिल थी। उन्होंने कहा कि अनुभवी भाजपा नेताओं का स्थान उनसे कम उम्र के समूह ने ले लिया है।
उद्धव ने कहा, पीढ़ी बदली और नयी व्यवस्था ने सत्ता बहुत तेजी से ले ली। लेकिन, पद संभाल कर स्थिर हो जाने के बाद उन्हें खुली बातचीत के बारे में विचार करना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने अपने 56वें जन्मदिवस (27 जुलाई) पर पार्टी के मुखपत्र सामना (मराठी) और दोपहर का सामना (हिंदी) के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राउत के साथ विस्तार से बातचीत की। तीन खंडों में प्रकाशित होने वाले साक्षात्कार का दूसरा खंड सोमवार को प्रकाशित हुआ जिसमें उन्होंने भाजपा नेतृत्व से संवाद टूटने की बात कही।
उन्होंने कहा है कि एक समय था जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नियमित रूप से फोन करते थे और दिवंगत शिवसेना अध्यक्ष बाल ठाकरे के साथ मुद्दों पर चर्चा करते थे। उद्धव ने कहा, इसके बाद प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे शिवसेना और केंद्र में भाजपा के बीच संपर्क बनाए रहते थे। अब ऐसी महान हस्तियां नहीं रहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की बड़ी पीढ़ी जिसमें वाजपेयी, आडवाणी और अन्य नेता हुआ करते थे, अब राजनीति में नहीं है। लेकिन, उद्धव ने कहा कि उनका महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फणनवीस के साथ अच्छा संबंध है और इसका वह आनंद लेते हैं।
शिवसेना और भाजपा का लगभग तीन दशक पुराना संबंध वर्ष 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले टूट गया था। सत्तारूढ़ भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने से पहले शिवसेना कुछ समय तक विपक्ष में भी बैठी। उसने घोषणा की थी कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए वह सरकार में शामिल हो रही है।
उद्धव ने कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश जैसे राजनीतिक दुस्साहस के जरिए भारत को कांग्रेस मुक्त करने की जगह बेहतर होगा अगर भाजपा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर या चीन के कब्जे वाले अरुणाचल प्रदेश के इलाके को मुक्त कराए और वापस देश में शामिल करे। राष्ट्र भाजपा के प्रति हमेशा ऋणी रहेगा।
भाजपा को जनता को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी देते हुए उन्होंने 1980 की उस घटना का उल्लेख किया जब मतदाताओं ने जनता पार्टी की सरकार को उखाड़ फेका था और इंदिरा गांधी को फिर सत्ता सौंप दी थी।
गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव परिणामों का हवाला देते हुए शिवसेना अध्यक्ष ने कांग्रेस को इतनी जल्दी खारिज कर देने की गलती नहीं करने को कहा। आर्थिक स्थिति के संदर्भ में उद्धव ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत कुछ करते नजर आ रहे हैं, लेकिन जिस बदलाव की उम्मीद लोग पिछले दो सालों में लगाए हुए हैं, उसे अभी पूरा होना बाकी है।
उन्होंने कहा कि अच्छे दिन, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया बहुत धूमधाम से शुरू हुए थे। ये सभी कब परिणाम देना शुरू करेंगे? विदेश में जमा भारत के कालाधन को वापस लाने से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस आश्वासन ने चुनावों में भाजपा की निश्चित रूप से मदद की थी। लेकिन, उसके बाद क्या हुआ? केवल मीडिया में बड़े-बड़े विज्ञापन देने से आगे चलकर मदद नहीं मिलेगी।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पांच बड़ी उपब्धियों का नाम गिनाने के बारे में पूछने पर उद्धव ने कहा, मोदी ने बहुत सारी चीजें की हैं। इसलिए केवल पांच नाम गिनाने में मुश्किल होगी।